बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना ने बच्चों को साइबर बुलिंग से बचाने के लिए एक पहल को हरी झंडी दिखाई। वे कहते हैं: ‘जैसे-जैसे इंटरनेट का दायरा बढ़ता है… ऑनलाइन अब्यूज़ का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ती जाती है!’
मुंबई :- यूथ–आइकन और बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना सही मायने में एक थॉट- लीडर हैं, जो अपनी प्रोग्रेसिव और मुद्दों को उठाने वाली एंटरटेनिंग फ़िल्मों के जरिए समाज में रचनात्मक, सकारात्मक बदलाव लाने का इरादा रखते हैं। टाइम मैगज़ीन ने आयुष्मान को दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना है, और हाल ही में यूनिसेफ ने उन्हें अपने ग्लोबल कैंपेन, EVAC (बच्चों के खिलाफ़ हिंसा का अंत) का सेलिब्रिटी एडवोकेट बनाया है। आयुष्मान भारत में बच्चों की ऑनलाइन सेफ़्टी के बारे में पूरे देश में अवेयरनेस फैलाना चाहते हैं।
आयुष्मान कहते हैं, “हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट दोधारी तलवार की तरह है। इस महामारी के दौरान हमने इसके अनगिनत फायदे देखे हैं। साथ ही, इसके कुछ खतरे भी हैं। जैसे–जैसे इंटरनेट का दायरा बढ़ता है, साइबरबुलिंग और ऑनलाइन सेक्सुअल एक्स्प्लॉइटेशन जैसे ऑनलाइन अब्यूज़ का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ती जाती है।“
वे आगे कहते हैं, “हालांकि हमें ऑनलाइन और ऑफ़लाइन, हर जगह बच्चों के खिलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने की जरूरत है, साथ ही हमें अपने बच्चों और किशोरों को जरूरी जानकारी और डिजिटल टूल्स से लैस करने की भी आवश्यकता है, ताकि वे इंटरनेट का सुरक्षित तरीके से फायदा उठा सकें और तेजी से बढ़ रही इस डिजिटल सोसायटी में भाग ले सकें।“
अगले एक साल तक बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए फेसबुक इंडिया और यूनिसेफ इंडिया ने साथ मिलकर एक पहल की शुरुआत की है, जिसे बॉलीवुड के इस सितारे ने हरी झंडी दिखाई। वे कहते हैं, “फेसबुक और यूनिसेफ के बीच यह पार्टनरशिप एक मिसाल है कि बच्चों और उनके अधिकारों की हिफ़ाज़त के लिए अलग–अलग सेक्टर्स से जुड़े भागीदार एक साथ आ रहे हैं। हमें अपने बच्चों की हिफ़ाज़त और भलाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार, सिविल सोसाइटी और प्राइवेट सेक्टर जैसे दूसरे भागीदारों को भी इस मुहिम में साथ लाने की जरूरत है।“
आयुष्मान आगे कहते हैं, “यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि, मुझे यूनिसेफ इंडिया के सेलिब्रिटी सपोर्टर के रूप में इस महत्वपूर्ण पहल के लिए अपना समर्थन देने और आवाज़ उठाने का मौका मिला है। मैं लोगों को अवेयर करने वाले इस पहल का स्वागत करता हूं, जिससे बच्चों, उनके माता–पिता, शिक्षकों और दूसरे एक्टर्स को आज के डिजिटल युग में हमारे बच्चों की हिफ़ाज़त और भलाई को अच्छी तरह समझने, तथा इसकी रोकथाम के लिए सही उपायों को अपनाने में मदद मिलेगी।“