पांच जून को रांची में भाजपा का जनजातीय महासम्मेलन, शामिल होंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने ली मोर्चा की बैठक
जमशेदपुर (संवाददाता ):- आगामी पांच जून को राजधानी रांची में भारतीय जनता पार्टी की ओर से जनजातीय महासम्मेलन के जरिये देश को आदिवासी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के इस महासम्मेलन में देशभर से हजारों जनजातीय समाज के कार्यकर्ताओं के जुटने का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। महासम्मेलन में जनजातीय समाज के केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और राष्ट्रीय पदाधिकारी सभी मौजूद रहेंगे। 5 जून को प्रस्तावित जनजातीय महासम्मेलन को लेकर अनुसूचित जनजाति के मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने रविवार को साकची स्थित जिला कार्यालय में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जमशेदपुर पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की बैठक ली। मोर्चा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष बिनानंद सिरका की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समीर उरांव ने सम्मेलन की सफलता के निमित्त कई जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रांची में होने वाले जनजातीय महासम्मेलन भव्य एवं ऐतिहासिक होगी। जिसमें आदिवासी समाज अपने-अपने आदिवासी परिधान, पारंपरिक वाद्य यंत्र नगाड़ा, मांदर, नृत्य मंडली, विभिन्न खोड़हा के टोली के साथ शामिल होंगे। समीर उरांव ने कहा कि इस सम्मेलन में पूरे झारखंड की पारंपरिक झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने जमशेदपुर के अनुसूचित जनजातीय मोर्चा के कार्यकर्ताओं से भारी संख्या में रांची आने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से आदिवासी समाज के बीच जाकर उन्हें महासम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य समीर उरांव के जमशेदपुर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने फूल- माला और ढोल-नगाड़ों के संग भव्य स्वागत किया। मरीन ड्राइव पुल से साकची जिला कार्यालय आने के क्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर उनका स्वागत किया।
बैठक के दौरान पूर्व विधायक मेनका सरदार, पूर्व विधायक लक्षमण टुडू, गीता बालुमुचु, विजय कुमार मेलगंडी, आर के मांझी, भुक्तु मार्डी, लखन मार्डी, सुधांशु ओझा, बबुआ सिंह, अनिल मोदी, राकेश सिंह, काजू सांडिल, भूषण पाठ पिंगुवा, दीपक सुंडी, चांद मनी कुंकल, अनूप टोप्पो, रमेश बास्के, मानोज सरदार, मुनिराम हेंब्रम, विनोद ओमांग, गुलशन, सोमा दिग्गी, फिलिप तिर्की, संजय मुंडा, सुनील दिग्गी, सुशील कुमार हेसा, मनोज बोदरा, वीर सिंह बोदरा, पवन सोलंकी, सुभाष मित्तल, सुभाष महाली, मंगक करेइ, कृष्णा हेंब्रम, झानो दिग्गी, पाथर दिग्गी, ममता भूमिज, डॉ सुनीता सोरेन, परमीत कुमार पूर्ति समेत कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।