BJP को नहीं मिला पूर्ण बहुमत, मोदी के सामने 5 साल में कौन से बड़े चैलेंज… आइए जानें…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- बीजेपी पूर्ण बहुमत के 272 के आंकड़े से दूर है, ऐसे में सरकार भले ही NDA की बने, लेकिन सरकार को कई बातों का ध्यान रखना होगा.
देश में भले ही एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही हो, लेकिन बात अब शायद पहले जैसी नहीं होगी. अब पीएम मोदी के सामने कई बड़े चैलेंज होंगे. क्यों कि लोकसभा चुनाव में जनता का मूड पता चल चुका है. एनडीए को 543 में से 293 सीटें, तो वहीं इंडिया गठबंधन के खाते में 232 सीटें आई है. बात अगर बीजेपी की करें तो उसको सिर्फ 240 सीटें मिली हैं, जबकि उम्मीद 300 पार की थी. बीजेपी के पास अब बहुमत नहीं है. ऐसे में एनडीए के सहारे सरकार बन तो जाएगी, अब चुनौतियां भी काफी बढ़ गई हैं. कामकाजी फैसले लेते समय बीजेपी को सहयोगी दलों का भी ख्याल रखना होगा. बताते हैं कि देश के प्रधानमंत्री के सामने अगले 5 साल में कौन से 5 बड़े चैलेंज होंगे.
PM मोदी के सामने पहला चैलेंज
पूर्ण बहुमत न होने की वजह से अब कुनबे को प्राथिकता देनी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने परिवार को एकुजट रखना बड़ी चुनौती होगी. कानून और बिल में अब सरकार को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नाडूय का भी ख्याल रखना होगा.
PM मोदी के सामने दूसरा चैलेंज
ये बात तो जग जाहिर है कि नीतीश और नायडू, बीजेपी के दोनों ही साझीदार उनके प्राथमिकता वाले मुद्दों पर कभी एकजुट नहीं रहे हैं. नीतीश और नायडू दोनों ही नेता कीमत वसूलने में माहिर रहे हैं. अब बजट से लेकर राज्य तक के लिए वह मोदी सरकार से कुछ और ज्यादा की उम्मीद करेंगे. अब स्पेशल राज्य का मुद्दा बड़ा बना रहेगा. दोनों ही नेता बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए पहले से ही स्पेशव राज्य की मांग करते रहे हैं.
PM मोदी के सामने तीसरा चैलेंज
बीजेपी के सहयोगी दलों की विचारधारा उससे अलग है. कई मुद्दों को लेकर सहयोगी दलों और बीजेपी के बीच सोच का काफी अंतर है. यही वजह है कि कॉमन सिविल कोड पर मोदी सरकार को थोड़ा थमकर कदम बढ़ाने पड़ सकते हैं. 3-63 सीटों के इस झटके के बाद अब बीजेपी को पार्टी संगठन में भी बदलाव की ओर सोचना होगा. आने वाले दिनों में पार्टी रीस्टार्ट के मूड में दिखाई दे सकती है.