झारखंड की महागठबंधन सरकार का बड़ा कदम: 25 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर लोकलुभावन योजनाओं का विस्तार…
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झारखंड :हेमंत सोरेन सरकार लोक कल्याणकारी योजनाओं में 25 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने जा रही है, जिसमें कई नई योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं ने राज्य की महागठबंधन सरकार को कई मामलों में दिल्ली की केजरीवाल सरकार से भी आगे कर दिया है। जैसे दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी की योजनाएं काफी लोकप्रिय हुई थीं, उसी प्रकार झारखंड में मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना, अबुआ आवास योजना, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, मुफ्त बिजली और बकाया बिजली माफी जैसी योजनाओं को लोगों से खासा समर्थन मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन योजनाओं को लेकर जनता के बीच काफी उत्साह देखा जा रहा है।
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हालांकि, इन योजनाओं को लागू करने पर राज्य सरकार को प्रति वर्ष 25 हजार करोड़ से अधिक का खर्च उठाना पड़ेगा। इसके बावजूद, राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव का कहना है कि सरकार के पास पर्याप्त धन है और इसे लेकर कोई चिंता की बात नहीं है।
झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें योजना आकार 79,782 करोड़ रुपये का है। बजट पास होने के बाद राज्य सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की, जिन्हें लागू करना बजट में पहले से प्रावधानित नहीं था। इन योजनाओं पर तात्कालिक रूप से होने वाले खर्च को सरकार राज्य आकस्मिकता निधि से वहन करेगी, जिसे बाद में द्वितीय अनुपूरक बजट में समायोजित किया जाएगा।
राज्य सरकार ने कई लोकलुभावन योजनाओं में अतिरिक्त राशि आवंटित की है, जिनमें मुफ्त राशन, चना दाल और नमक योजना, सहायक पुलिसकर्मियों का मानदेय बढ़ाना, बच्चों के लिए पोषाक, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, जल सहिया, अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड में वृद्धि, और ग्राम प्रधानों की सम्मान राशि में वृद्धि जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन सभी योजनाओं पर कुल 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
भले ही राज्य सरकार वकीलों को पेंशन देने जैसी योजनाओं पर काम कर रही है, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आधारभूत संरचना पर भी विशेष ध्यान दे। हालांकि, वित्तीय स्रोतों को किस प्रकार से संतुलित किया जाएगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा, परंतु फिलहाल राज्य सरकार ने जनता की भलाई के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
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