पोटका में सरदार का चक्रव्यूह भेदना चाहते हैं अर्जुन मुंडा
जमशेदपुर । पूर्वी सिंहभूम जिले में ही पोटका विधानसभा है. यहां पर 1977 से लेकर अबतक सिर्फ सरदार जाति (भूमिज) के उम्मीदवार ही चुनाव जीत सके हैं. अब झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन पोटका में सरदार के चक्रव्यूह को भेदना चाहते हैं. इसके लिए वे तो चुनावी मैदान में खड़े नहीं है बल्कि पत्नी को ही उतार दिया है. अर्जुन मुंडा की पत्नी को भले ही मैदान में उतारा गया है, लेकिन पोटका के प्रत्याशी पहले से ही सरेंडर कर चुके हैं. किसी को भी यह नहीं लगता है कि अर्जुन मुंडा की राजनीति में वे खरा उतर सकते हैं.
निवर्तमान विधायक संजीव सरदार को झामुमो की ओर से इस बार तीसरी बार टिकट दिया गया है और वे चुनावी मैदान में हैं. संजीव सरदार भी भाजपा की मीरा मुंडा से खासा परेशान नजर आ रहे हैं. हालाकि वे अब भी दावा कर रहे हैं कि चुनाव जीत रहे हैं. चुनाव कौन जितेगा इसक फैसला तो गिनती के बाद ही होगा.
मीरा मुंडा को पोटका से टिकट दिए जाने पर पहले तो पोटका विस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका भारी विरोध किया था, लेकिन अब विरोधी ही समर्थन में कूद गए हैं. वे भी खुलकर चुनाव-प्रचार कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव अर्जुन मुंडा हार चुके हैं. ऐसे मे अब उनकी प्रतिष्ठा पूरी तरह से दाव पर लगी हुई है. अगर पत्नी चुनाव हार जाती है तो उन्हें बड़ा झटका लग सकता है, लेकिन समीकरण ऐसी नहीं बन रही है. मीरा मुंडा के चुनावी मैदान में उतरने से बाकी के सभी प्रत्याशी फीके पड़े हुए हैं. कारण है अर्जुन मुंडा. अर्जुन मुंडा जमशेदपुर लोकसभा सीट से भी एक बार सांसद रह चुके हैं. तब उन्होंने जेवीएम के प्रत्याशी अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह को हराया था.