राम के नाम में ही चारों वेदों समाहित है : कुलपति प्रो. (डॉ.) गंगाधर पंडा

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जमशेदपुर : लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज के स्नातक अंग्रेजी विभाग की ओर से विभागीय व्याख्यान का चार वर्षीय स्नातक प्रथम वर्ष कार्यक्रम जो कि, एन. ई. पी. 2020  पर आधारित है, का आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय ‘ रामायण और महाभारत, जो व्याख्यानमाला – IX के अंतर्गत संपन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. ए. के. झा ने किया।

मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) गंगाधर पंडा जी थे जिन्होंने रामायण पर अपने सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने राम के चरित्र का वर्णन किया तथा आगे उन्होंने कहा कि राम के नाम में चारों वेदों का समागम है- र+आ+म+अ। र- ऋग्वेद, आ- यजुर्वेद, म- सामवेद तथा अ- अथर्ववेद। राम हनुमान से कहते हैं कि तुम्हारा उपकार मेरे शरीर के अंग- अंग में समा जाए और तुम्हारे ऊपर कोई सकंट न आए। सीता भाभी को लक्ष्मण मां मानते थे। भरत के त्याग को देखकर  ऐसा मेरा मानना है कि राम और भरत में भरत बड़े थे। सीता मैया ने श्रीलंका के धनी राजा के प्रस्ताव ठुकराया। उन्होंने कहा कि  रामायण राम का मार्ग है। राम के चरित्र को जाने बिना भारत की संस्कृति को नहीं समझा जा सकता है। रामायण के चरित्रों के माध्यम से हमें आदर्श भाई, आदर्श पत्नी, आदर्श पुत्र वधू, आदर्श मित्र, आदर्श गुरु, आदर्श शिष्य, आदर्श शासक, आदर्श भक्त आदि के संस्कार मिलते हैं।

माननीय कुलपति का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने किया तथा व्याख्यानमाला का विषय प्रवेश भी उन्हीं के द्वारा किया गया। मंच संचालन राजनीति विभाग के डॉ. विनय कुमार गुप्ता तथा डॉ. मौसुमी पॉल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के डॉ. पुरुषोत्तम प्रसाद जी ने किया।

इस व्याख्यानमाला में डॉ. बिनोद कुमार, डॉ. संचिता भुई सेन, प्रो. संतोष राम, डॉ. अजेय वर्मा, डॉ. विजय प्रकाश, प्रो. ऋतु, डॉ. जया कक्षप, डॉ. शबनम,डॉ. सुधीर सुमन, डॉ. प्रशांत, प्रोफेसर मोहन साहू,डॉ. रानी, प्रो. प्रमिला किस्कू, डॉ. संतोष कुमार, प्रो. सलोनी रंजन, प्रो. बाबू राम सोरेन, प्रीति गुप्ता, लुशी रानी मिश्रा तथा साथ ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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