एक नई पहल’ की ओर से एक डीजिटल बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन
जमशेदपुर: हूल दिवस के अवसर पर ‘एक नई पहल’ संस्था की ओर से एक डीजिटल बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में संथाली, बंग्ला, मैथिली, उर्दू, मगही, अंगिका, हिंदी,भोजपुरी आदि विभिन्न भाषा व बोलियों के रचनाकारों ने हिस्सा लिया। सबसे पहले हूल दिवस को याद करते हूए साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत जोबा मूर्मू ने संथाल विद्रोह के नायक सिद्धू – कान्हू, चांद- भैरव तथा फूलो– झानो को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । तत्पश्चात विधिवत कवि सम्मेलन की शुरुआत की गई। इस कवि सम्मेलन में बांग्ला से तापस चट्टराज, मैथिली से श्यामल सुमन, मगही से डॉ. लक्ष्मण प्रसाद, भोजपुरी से डॉक्टर संध्या सिन्हा उर्दू से गौहर अजीज , अंगिका से अशोक शुभदर्शी, संथाली से जोबा मूर्मू तथा हिंदी से शैलेंद्र अस्थाना, ज्योत्स्ना अस्थाना, सुजय भट्टाचार्य, अजय महताब, वरुण प्रभात आदि ने कविता पाठ किया। कवि सम्मेलन में हर रंग की रचनाओं का पाठ किया गया चाहे वह फूल दिवस पर समर्पित कविता हो या देश प्रेम से ओत -प्रोत या फिर वर्तमान समस्याओं से जूझती जिंदगी को दिखाती हुई रचना। गोष्ठी का संचालन वरुण प्रभात ने किया।अध्यक्षता अशोक शुभदर्शी ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन अजय महताब ने किया । कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने एवं सफलतापूर्वक आयोजन में सुजय भट्टाचार्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।