वकीलों का विरोध: प्रस्तावित वकील संशोधन अधिनियम 2025 का मसौदा जलाया

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जमशेदपुर। केंद्र सरकार के प्रस्तावित वकील संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ शहर के वकीलों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में वकीलों ने इस संशोधन के मसौदे को सांकेतिक रूप से जलाकर अपना विरोध जताया।

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वकीलों के अनुसार, यह प्रस्तावित संशोधन उनके संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने की साजिश है। खासकर धारा 35A के तहत वकीलों के संवैधानिक अधिकार (संविधान के अनुच्छेद 19) को सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, बार काउंसिल ऑफ इंडिया में सरकारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति और वकीलों को निलंबित करने का अधिकार सरकार को देने की योजना का भी कड़ा विरोध किया गया।

वकीलों ने सवाल उठाया कि जब बार काउंसिल ऑफ इंडिया वकीलों के नियमन का कार्य देखती है, तो विदेशी लॉ फर्मों पर नियंत्रण रखने का अधिकार सरकार को क्यों चाहिए?

इस विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, सुशील जायसवाल, जेबी सिंह, मो. कासिम, टीएन ओझा, रामजीत पांडेय, विनीता सिंह, जयंतो डे, निशांत कुमार, राहुल राय, बबीता जैन, श्रीकांत सिंह समेत कई वरिष्ठ वकील शामिल हुए।

वकीलों ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने इस संशोधन को लागू करने की कोशिश की, तो वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे।

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