आदित्यपुर : एनआईटी जमशेदपुर ने “एडवांस्ड कम्पोजिट मैटेरियल्स” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया
Adityapur : एनआईटी जमशेदपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने 20 से 24 जनवरी 2025 तक हाइब्रिड मोड में “एडवांस्ड कम्पोजिट मैटेरियल्स” पर एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सरोज कुमार सारंगी और समन्वयक डॉ. विशेष रंजन कर ने बताया कि इसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न संगठनों के छात्रों, शिक्षकों और औद्योगिक व्यक्तियों सहित 130 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. विभिन्न सत्रों में आईआईटी/एनआईटी समेत सीएसआईआर और डीआरडीओ जैसे सरकारी अनुसंधान प्रतिष्ठानों के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं.
पहले दिन कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर बी एस मूर्ति उपस्थित हुए और इस अवसर पर एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रोफेसर गौतम सूत्रधार, उप निदेशक प्रोफेसर आर वी शर्मा, डीन (एफडब्ल्यू) प्रोफेसर प्रभा चंद, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रोफेसर संजय, संकाय सदस्य समेत सभी प्रतिभागी उपस्थित रहे. पहले सत्र में एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रोफेसर गौतम सूत्रधार ने ऊर्जा संरक्षण के लिए परिवहन प्रणालियों में मेटल-मैट्रिक्स कंपोजिट पर चर्चा की. प्रोफेसर सूत्रधार ने बताया कि कैसे मेटल-मैट्रिक्स कंपोजिट का उपयोग ऑटोमोबाइल कलपुर्जों में ईंधन बचाने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने भविष्य की तकनीकों के लिए नैनो-कंपोजिट और हाइब्रिड कंपोजिट के बारे में भी चर्चा की. दूसरे सत्र में एनआईटी पटना के डॉ. विकास उपाध्याय ने प्रतिभागियों को फूडवेस्ट आधारित पॉलिमर-मैट्रिक्स कंपोजिट के बारे में जानकारी दी. दूसरे दिन, सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, केरल के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. टी.पी.डी. राजन ने मेटल-मैट्रिक्स कंपोजिट के प्रसंस्करण और उत्पाद विकास में नवाचारों पर प्रकाश डाला। साथ ही, दूसरे सत्र में डीआरडीओ, हैदराबाद के एडवांस्ड सिस्टम लेबोरेटरी के वैज्ञानिक डॉ. लोकेश श्रीवास्तव ने रक्षा और एयरोस्पेस के लिए उन्नत कंपोजिट पर चर्चा की. तीसरे दिन,सीएसआईआर-एनएम एल, जमशेदपुर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विकास चंद्र श्रीवास्तव और सीएसआईआर-एएमपीआरआई, भोपाल के पूर्व निदेशक प्रो. एस. दास ने मेटल-मैट्रिक्स कंपोजिट के समग्र परिप्रेक्ष्य और संभावित अनुप्रयोगों पर चर्चा की. सभी सत्र संकाय सदस्यों, छात्रों और प्रतिभागियों की उपस्थिति में हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया.