झारखंड के 1.77 लाख किसानों का कर्ज हुआ माफ, सोरेन सरकार ने दिया 400 करोड़ रुपए की सौगात…
रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के 1,76,977 किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में 400.66 करोड़ रुपए की राशि से किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किए। इस फैसले से राज्य के हजारों किसानों को बड़ी राहत मिली, जो कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे और लंबे समय से कर्ज माफी की मांग कर रहे थे।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार दोपहर 2:00 बजे हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया गया। उनके साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, और खिजरी के विधायक राजेश कच्छप भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहें। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन राज्य के लगभग 1.77 लाख किसानों को कर्ज माफी की सौगात दिया गया, जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और कृषि क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिला।
राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन किसानों को राहत देना है, जो प्राकृतिक आपदाओं और बाजार की अनिश्चितताओं के कारण कर्ज में डूबे हुए थे। इस योजना के तहत, प्रत्येक किसान का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया गया, जिससे उन्हें खेती के लिए नई ऊर्जा और आत्मविश्वास मिला। इस कदम से न सिर्फ किसानों का वित्तीय बोझ कम हुआ, बल्कि उन्हें खेती के लिए नई शुरुआत करने का भी मौका मिला।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें कर्ज के जाल से मुक्त करना है। राज्य के 1,76,977 किसानों को कर्ज माफी की सुविधा प्रदान करना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकार का मानना है कि कर्ज माफी से किसानों को कर्ज के तनाव से मुक्ति मिली और वे अपनी पूरी ऊर्जा और संसाधनों को खेती में निवेश कर पाएंगे। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि राज्य की समग्र कृषि उत्पादकता में भी सुधार लाएगी।
इस योजना से झारखंड के किसानों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं, जिन्हें वर्षों से कर्ज के बोझ का सामना करना पड़ रहा था। राज्य के किसान संगठनों ने इस पहल की सराहना की है और इसे किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम बताया है।