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जमशेदपुर:लोयोला स्कूल के विद्यार्थियों के लिए शनिवार, 14 सितंबर 2024 को एक विशेष ‘बैगलेस डे’ का आयोजन किया गया। इस दिन का उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक कक्षा अध्ययन से हटकर व्यावहारिक, रचनात्मक और इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करना था। बैगलेस डे के तहत छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिला, जो न केवल उनके सैद्धांतिक ज्ञान को बढ़ाते हैं, बल्कि उनके समग्र विकास में भी सहायक होते हैं। इस दिन की गतिविधियों में टीमवर्क, समस्या समाधान, आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता पर जोर दिया गया, जिससे छात्रों और शिक्षकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित हो सका।

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कक्षा 6: अंतरधार्मिक अन्वेषण

कक्षा 6 के छात्रों को विभिन्न धर्मों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न पूजा स्थलों जैसे मस्जिद, चर्च, मंदिर और गुरुद्वारा का दौरा कराया गया। इन दौरों का उद्देश्य धार्मिक विविधता की गहरी समझ विकसित करना था, जिससे भविष्य में विश्व शांति की स्थापना में योगदान दिया जा सके।

कक्षा 7: ग्रामीण शिल्पकला

कक्षा 7 के छात्रों ने पुरुलिया के ग्रामीण कारीगरों के साथ एक शिल्प और रचनात्मकता विकास सत्र में भाग लिया। इस सत्र का उद्देश्य झारखंड की पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देना था। छात्रों ने सोहrai और पटकर पेंटिंग्स को टेराकोटा पॉट्स पर बनाना सीखा, साथ ही पेपर मेशे और घास की चटाई बनाने की कला को भी समझा। इन कार्यशालाओं के माध्यम से न केवल छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिला, बल्कि उन्हें ग्रामीण कारीगरों की कला के प्रति सम्मान और अपने सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की प्रेरणा भी मिली।

कक्षा 8 और 9: स्वास्थ्य और परिवर्तन

किशोरावस्था में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं। इन्हीं संवेदनशील मुद्दों को समझने के लिए कक्षा 8 और 9 के छात्रों के लिए एक स्वास्थ्य सत्र का आयोजन किया गया, जिसे प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू दुबे ने संचालित किया। इस सत्र में छात्रों को किशोरावस्था से जुड़े शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों के बारे में जानकारी दी गई और साथ ही उनसे निपटने के लिए जरूरी उपायों पर भी चर्चा की गई। डॉ. कैलाश दुबे, जो कि इस स्कूल के पूर्व छात्र भी हैं, ने छात्रों को अपनी ऊर्जा को सही दिशा में उपयोग करने के तरीके सिखाए।

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कक्षा 9: भूवैज्ञानिक यात्रा

कक्षा 9 के छात्रों ने पी.एन. बोस भूवैज्ञानिक केंद्र का दौरा किया। यह केंद्र खनन के इतिहास को दर्शाता है और छात्रों को चट्टानों, खनिजों और जीवाश्मों की संरचना और उनके बनने की प्रक्रियाओं के बारे में समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।

लोयोला स्कूल का बैगलेस डे पूरी तरह से सफल रहा। इस दिन की विविध गतिविधियों ने न केवल छात्रों की शैक्षिक यात्रा को समृद्ध किया, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक समझ, रचनात्मकता और व्यक्तिगत विकास की दिशा में भी प्रेरित किया। स्कूल का यह प्रयास छात्रों को एक व्यापक, समावेशी और सामाजिक रूप से जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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