झारखंड: मिड डे मील योजना का होगा ऑडिट, 22 टीमें करेंगी जांच, सख्त निर्देश जारी…

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झारखंड:–झारखंड सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना, जिसे प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के नाम से भी जाना जाता है, की व्यापक जांच कराने का निर्णय लिया है। इस ऑडिट के लिए लोहरदगा और पलामू को छोड़कर सभी जिलों में टीमों का गठन किया जा रहा है। यह ऑडिट 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के वित्तीय वर्षों के लिए किया जाएगा, जिसमें कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल शामिल होंगे।

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जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इनमें स्कूलों में वर्गवार नामांकित बच्चों की संख्या, उन्हें प्राप्त अनाज की मात्रा, मिड डे मील का लाभ उठाने वाले बच्चों की संख्या, और बचे हुए अनाज की वापसी या समायोजन की जानकारी शामिल है। इसके अलावा, सरकार द्वारा दी जाने वाली कुकिंग कॉस्ट (रसोई खर्च) की राशि की भी जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसका सही तरीके से उपयोग हो रहा है। प्रखंड स्तर पर सभी स्कूलों को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसे टीमें वहां पर सत्यापित करेंगी।

जांच के मुख्य बिंदु:

1. स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या।

2. स्कूलों को भेजे गए अनाज की मात्रा।

3. कितने बच्चों को मिड डे मील मिला।

4. जिन बच्चों को मिड डे मील नहीं मिला, उनके लिए अनाज का समायोजन हुआ या नहीं।

झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक आदित्य रंजन ने इस जांच के लिए 22 टीमों का गठन किया है। इन टीमों को लोहरदगा और पलामू को छोड़कर अन्य जिलों में भेजा जाएगा, जहां वे मिड डे मील योजना की जांच करेंगे। जांच पूरी होने के बाद जिलावार रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी। निदेशक आदित्य रंजन ने बताया कि टीमों को जांच के दौरान पूर्ण सत्यता का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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इसके अलावा, झारखंड के सरकारी स्कूलों में दिए गए बायोमेट्रिक डिवाइस की खराबी की समस्या को भी सरकार गंभीरता से ले रही है। राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने सभी डीईओ और डीएसई को निर्देश दिया है कि बायोमेट्रिक डिवाइस की मरम्मत एक सप्ताह के भीतर कराई जाए। इसके लिए स्कूलों को पहले जिला स्तर पर शिकायत दर्ज करनी होगी, जिसके बाद मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। झारखंड के स्कूलों में 41 हजार बायोमेट्रिक डिवाइस वितरित किए गए हैं, जिन्हें टैबलेट या मोबाइल से जोड़कर उपस्थिति दर्ज की जाती है। मरम्मत न होने की स्थिति में दंड का भी प्रावधान किया गया है, और इसके लिए एक नया मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है ताकि सेवा शीघ्र प्राप्त हो सके।

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