लगातार दूसरी बार स्पीकर,तीन बार सांसद इतिहास रचने वाले ओम बिरला क्यों है इतने पॉपुलर…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- 18वीं लोकसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है। ओम बिरला ने इतिहास रच दिया है। वो लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष बनने वाले बीजेपी के पहले नेता है और ऐसा करने वाले छठे व्यक्ति हैं जिन्हें दोबारा लोकसभा का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आज ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है। ओम बिरला को लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और कहा कि ज्यादातर स्पीकर या तो चुनाव नहीं लड़े या जीतकर नहीं आए। आप जीतकर आए और नया इतिहास रचा है। बता दें कि ओम बिरला लगातार तीसरी बार राजस्थान के कोटा से चुनकर संसद पहुंचे हैं और दूसरी बार वो स्पीकर बने हैं।

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ध्वनिमत से लोकसभा स्पीकर चुने गए ओम बिरला

दरअसल, 48 साल बाद पहली बार स्पीकर के पद के लिए चुनाव हुआ। एनडीए की ओर से ओम बिरला उम्मीदवार थे तो वहीं, दूसरी ओर I.N.D.I.A ब्लॉक की ओर से के सुरेश प्रत्याशी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा उसके बाद बारी बारी से NDA के दूसरे नेताओं ने प्रस्ताव रखा और अनुमोदन किया। इसके बाद विपक्ष की ओर से के सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया। फिर प्रोटेम स्पीकर ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को पास कर दिया क्योंकि विपक्ष की ओर से वोटिंग या डिविजन की मांग नहीं की गई थी।

जानें, ओम बिरला के बारे में-

राजस्थान से पहले स्पीकर- ओम बिरला राजस्थान की कोटा संसदीय सीट से सांसद हैं। वह लोकसभा स्पीकर के आसन तक पहुंचने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं। ओम बिरला अब लगातार दूसरी बार स्पीकर निर्वाचित होने के साथ ही अयंगार और जीएमसी बालयोगी जैसे सांसदों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गए हैं जिन्हें लगातार दो बार स्पीकर चुना गया।

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तीन बार विधायक बने– 2003 में उन्होंने कोटा से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस के शांति धारीवाल को हराकर विधानसभा चुनाव जीता। तीसरा विधानसभा चुनाव भी उन्होंने कोटा दक्षिण से 2013 में जीता था।

2014 में पहली बार लड़ा लोकसभा चुनाव– 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ओम बिरला कोटा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 2019 में बिरला फिर से सांसद चुने गए और इस बार भाजपा ने उन्हें स्पीकर बना दिया। 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद अब बिरला एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष बन गए हैं।

संसदीय समितियों के रहे हैं सदस्य– 1992 से 1995 तक वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे। बतौर सांसद 2014 से 2019 के अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओम बिरला कई संसदीय समितियों में भी रहे। वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव भी रहे हैं और इस दौरान उन्होंने लीक से हटकर कई कार्य किए।

ओम बिरला का निजी जीवन

ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिरला और माता का नाम श्रीमती शकुन्तला देवी था। 11 मार्च 1991 को उन्होंने डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की। आकांक्षा और अंजलि बिरला नाम की उनकी दो बेटियां हैं। ओम बिरला की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने साल 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की डिग्री ली थी।

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ओम बिरला का सियासी सफर  

1978-1979 छात्रसंघ अध्यक्ष

1987- 1991 BJP युवा मोर्चा कोटा के अध्यक्ष

1993-1997 राजस्थान BJP युवा मोर्चा के अध्यक्ष

2003-2014 कोटा दक्षिण से बीजेपी विधायक

2014 से लगातार कोटा से बीजेपी सांसद

2019- 2024 लोकसभा स्पीकर

लोकसभा में माइक बंद होने से चर्चा में आए थे बिरला

वाकया साल 2023 का है जब लोकसभा में राहुल गांधी बोल रहे थे। उन्होंने नरेंद्र मोदी और अडाणी को मित्र बताते हुए पीएम पर निशाना साधा था। इसके बाद सत्ता पक्ष ने हंगामा कर दिया था। फिर जब राहुल गांधी अपने भाषण को खत्म कर सीट पर बैठे तो स्पीकर बिरला ने कहा कि ”कोई भी बाहर यह ना कहा कहे कि स्पीकर साहब माइक बंद कर देते हैं, यह अच्छी बात नहीं है।” इसके बाद राहुल गांधी स्पीकर बिरला की बात सुनकर फिर खड़े हुए और बोले ”स्पीकर साहब यह बात तो सही है कि आप माइक बंद कर देते हो।”

ओम बिरला से क्यों नाराज है विपक्ष?

एनडीए की तरफ से ओम बिरला को स्पीकर बनाए जाने से भी विपक्ष नाराज बताया जा रहा है। इस बड़ी वजह उनका पिछला कार्यकाल माना जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि उनका रवैया पक्षपातपूर्ण रहा है। दो दिन में उन्होंने विपक्ष के 146 सांसद निलंबित कर दिए थे। साथ ही विपक्ष टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के निलंबन से भी नाराज है।

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