Success Story: फल वाले का बेटा जो स्कूल की पढ़ाई भी न कर सका पूरी, आज करोड़ों की कंपनी का मालिक…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- गरीबी से अमीरी की ओर बढ़ने की कहानियां बेहद प्रेरणादायक और भावनात्मक होती हैं। ये कड़ी मेहनत और लगन में हमारे विश्वास को मजबूत करती हैं। सफलता की एक बेहतरीन कहानी रघुनंदन श्रीनिवास कामथ की है। वह नेचुरल्स आइसक्रीम नाम की मशहूर कंपनी के मालिक हैं। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा करने में कामयाबी हासिल की।
गरीबी से उठकर अमीरी की कहानियां हमेशा प्रेरणा देती हैं। वे कड़ी मेहनत और लगन में हमारे भरोसे को मजबूत करती हैं। रघुनंदन श्रीनिवास कामथ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह नेचुरल्स आइसक्रीम नाम की कंपनी के मालिक हैं। शुरुआती जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद कामथ ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए भरपूर प्रयास किए। आज वे करोड़ों रुपये का कारोबार चलाते हैं। आइए, यहां उनके बारे में जानते हैं।
पिता बेचते थे फल
रघुनंदन श्रीनिवास कामथ के पिता कर्नाटक में एक छोटे से फल विक्रेता थे। वह नियमित रूप से मैंगलोर के एक छोटे से गांव में फल बेचने में अपने पिता की मदद करते थे। फिर उन्होंने पके फलों को चुनने, उन्हें तोड़ने, छांटने और उन्हें संरक्षित करने का कौशल सीखा। हालांकि, वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके। स्कूल में फेल होने के कारण उन्हें आखिरकार अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उन्होंने अपने पिता का व्यवसाय छोड़ने का फैसला किया। 14 साल की उम्र में वह मैंगलोर से मुंबई चले गए। उन्होंने अपने भाई के दक्षिण भारतीय रेस्तरां में काम करना शुरू किया। वहां उन्हें कम वेतन मिलता था।
नेचुरल्स आइसक्रीम की रखी नींव
इसके बाद रघुनंदन श्रीनिवास कामथ को अपना खुद का उद्यम शुरू करने की प्रेरणा मिली। नतीजतन, उन्होंने 14 फरवरी, 1984 को सिर्फ चार कर्मचारियों और 10 आइसक्रीम फ्लेवर के साथ नेचुरल्स आइसक्रीम की नींव रखी। उन्होंने सिर्फ फल, दूध और चीनी का इस्तेमाल करके आइसक्रीम बनाई। नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कामथ ने मुख्य व्यंजन के तौर पर पाव भाजी और साइड आइटम के तौर पर आइसक्रीम बेचना शुरू किया। शुरुआत में स्टोर में 12 फ्लेवर उपलब्ध थे। अपने बेहतरीन स्वाद के कारण यह जल्द ही एक मशहूर आइसक्रीम पार्लर बन गया।
135 अलग-अलग जगह पर दुकानें
कामथ ने जुहू में अपनी छोटी सी दुकान से पहले साल में 5 लाख रुपये कमाए। बाद में उन्होंने पाव भाजी बेचना बंद करने का फैसला किया। इसके बजाय अच्छी आइसक्रीम कंपनी स्थापित करने पर फोकस किया। उसके बाद कारोबार बढ़ता गया। अब उनके पास देशभर में 135 अलग-अलग जगहों पर दुकानें हैं। इन दुकानों पर 20 अलग-अलग फ्लेवर की आइसक्रीम बिकती हैं।
₹400 करोड़ का रेवेन्यू
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में नेचुरल्स आइसक्रीम का रिटेल रेवेन्यू करीब 400 करोड़ रुपये था। केपीएमजी सर्वे में बेहतरीन कस्टमर एक्सपीरियंस देने के लिए कंपनी को भारत की टॉप 10 कंपनियों में भी शामिल किया गया। उन्हें ‘आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है।