ग्रेड रिवीजन किस नेतृत्व में बेहतर होगा यही सबब हो सकता है टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव का मुद्दा
जमशेदपुर : 3फरवरी को होने वाली टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व और कथित तौर विरोधी खेमे के सामने इस बार कइ चुनौतियों का जबाब देना होगा।जिसमें अब तक हुए वेतन समझौते और कामनवेज स्ट्कचर के बाद मजदूरों को हुए नफा नुकसान के बारे में भी बताना होगा।टी डब्लू यू के पूर्व अध्यक्ष पी एन सिंह के कार्यालय में जो वेतन सम झौता हुआ था उसमें मजदूरों को 18.25प्रतिशत एम जी बी मिला था।वहीं एन एस कर्मचारियों को टेप्स चालू किया गया था और एम जी बी मे32प्रतिशत तक की वृद्धि हुई थी। वहीं पूर्व अध्यक्ष रवि प्रसाद के कार्यकाल मे हुए वेतन समझौते में एम जी बी मे सिर्फ 11 .25प्रतिशत तक की वृद्धि हुई थी।साथ ही मजदूरों का एक वर्ष तक मिलने वाला एक्सटेंशन बंद हो गया था। वहीं कामनवेज स्ट्रक्चर के बाद एन एस ग्रेड के कर्मचारियों को अब तक कोई खास फायदा नहीं हुआ है।सामने यूनियन चुनाव के साथ साथ 2025मे वेतन पुनरीक्षण समझौता होना है।वैसे कर्मचारियों को यह आकलन कर अपने नेतृत्व का चुनाव करना है जो उनके हितों की रक्षा करते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए जो दिनों दिन घटती जा रही हैं।मजदूर और खास कर कमेटी मेम्बर वर्तमान नेतृत्व में आस्था जताए या फिर काप्शन के जरिए किसी और के हाथों में नेतृत्व सौपे। मजदूरों को आशंका है कि कहीं वेतन समझौते की अवधि बढकर10वर्ष न हो जाए क्योंकि इस प्रकार का प्रस्ताव पहले भी आ चुका है। वैसे टी डब्ल्यू यू के कमेटी मेम्बर और मजदूरों पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसा नेतृत्व चाहिए।