World Radio Day 2023: मनोरंजन,ज्ञान,प्रचार और सूचना से लेकर मन की बात तक का सफर…

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World Radio Day 2023: आज के दिन को यानि 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो डे के रूप में मनाते है.  भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने भारत में और गुल्येल्मो मार्कोनी ने इंग्लैंड से अमरीका संदेश भेजकर 1900 में रेडियो की शुरुआत कर दी थी. लेकिन इसे मनोरंजक बनाने में 24 दिसंबर 1906 का दिन यादगार रहा. जब शाम को वैज्ञानिक रेगिनॉल्ड फेसेंडेन ने अपना वायलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना। ये दुनिया में रेडियो प्रसारण की बड़ी शुरुआत थी.

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रेडियो एक ऐसी सेवा है जो दुनियाभर में सूचना का आदान-प्रदान करता है. आपदा या आपात कालीन स्थिति में रेडियो का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में विश्व रेडियो दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं को रेडियो की आवश्यकता और महत्व के प्रति जागरूक करना है.  सूचना फैलाने के लिए सबसे शक्तिशाली और सस्ते माध्यम के तौर पर रेडियो को जाना जाता है. भले ही रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो लेकिन संचार के लिए इसका इस्तेमाल आज भी हो रहा है.

विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत साल 2011 में की गई थी। साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने के लिए पहली बार प्रस्ताव दिया था. साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की.  बाद में साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इसे अपना लिया। फिर उसी साल 13 फरवरी को पहली बार यूनेस्को ने विश्व रेडियो दिवस मनाया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम भी खासा लोकप्रिय हो रहा है।  इसे आकाशवाणी प्रसारित करता है लेकिन साथ-साथ यह दूरदर्शन और निजी चैनलों के जरिए भी अपनी छाप छोड़ रहा है।

रेडियो की दुनिया…

1920 में भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत,
1923 में मुंबई के रेडियो क्लब द्वारा पहला कार्यक्रम प्रसारित,
1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्वामित्व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की स्थापना,
1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में लिया,
1936 में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो किया गया,
1957 से आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा।

1930 में महात्मा गांधी ने रेडियो के जरिए देशवासियों को सत्य-अहिंसा का ज्ञान दिया,
15 अगस्त, 1947 को पं. जवाहरलाल नेहरू ने देश में आजादी की घोषणा सार्वजनिक की,
30 अगस्त, 1948 को महात्मा गांधी की हत्या की सूचना भी रेडियो के जरिए देशवासियों को मिली,
20 नवंबर, 1962 को चीन के हमले के वक्त पं. नेहरू ने देशवासियों के साथ खुलकर बात की,
1965 में इंदिरा गांधी ने आबादी नियंत्रण, अनाज की कमी के मुद्दे पर अपनी बात जनता के सामने रखी,
25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो के जरिए देश में आपातकाल लगाए जाने की घोषणा की थी।

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