शौर्य साहस त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति है करतार सिंह सराभा – काले
जमशेदपुर: शहर की अग्रणी सामाजिक संस्था “नमन” के तत्वाधान में शहीद-ए-आजम करतार सिंह सराभा की पुण्यतिथि पर संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले द्वारा शहर के गणमान्यों, महिलाओं एवं युवाओं की गरिमामय उपस्थिति में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
इस अवसर पर अमरप्रीत सिंह काले ने कहा की भारत माता के अमर सपूत क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा जी प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में से एक थे। उन्हें अपने शौर्य, साहस, त्याग एवं बलिदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा महान बलिदानी करतार सिंह सराभा ने केवल उन्नीस वर्ष की आयु में ही हँसते-हँसते देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। उनके शौर्य एवं बलिदान की मार्मिक गाथा आज भी भारतीयों को प्रेरणा देती है और देती रहेगी। यदि आज के युवक सराभा के बताये हुए मार्ग पर चलें, तो न केवल अपना, अपितु देश का मस्तक भी ऊँचा कर सकते हैं। काले ने आज उपस्थित देशभक्तों से ज़ोर देकर कहा की हमें राष्ट्र हित में बड़ी सोच और बेहतर समझ के साथ जात- पात , ऊँच – नीच से ऊपर उठ कर राष्ट्र के परम वैभव की कल्पना के साथ आगे बड़्ने की ज़रूरत है।
इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परविंदर सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई का इतिहास क्रांतिकारियों के विविध साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है और ऐसे ही बलिदानियों के बलिदान को याद कर युवाओं को जागृत करने के लिए नमन परिवार की विचारधारा को नमन।
रामकेवल मिश्रा ने कहा कि करतार सिंह सराभा ने देशभक्ति में वे आदर्श स्थापित किये जिसके लिए सम्पूर्ण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। मातृभूमि के लिए उनका बलिदान आज भी देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का संचार करता है।
मातृशक्ति के रूप में उपस्थित राजपति देवी ने कहा कि धन्य है वो मां पिता जिन्होंने करतार सिंह सराभा जैसे वीर को जन्म दिया जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की अल्पायु में मातृभूमि के लिए बलिदान दिया। उनका साहस युवाओं को अनंतकाल तक देश की सेवा और समर्पण के लिए प्रेरणा देता रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन जूगुन पांडे एवं धन्यवाद ज्ञापन जसवंत सिंह भोमा ने दिया।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में इंदरजीत सिंह, महेंद्र पाल सिंह, सरबजीत सिंह, प्रमिला शर्मा, गंगाराम तिर्की, सुंदर कुमार शर्मा, लख्खी कौर, आरती मुखी, काकुली मुखर्जी, ममता पुष्टि, रंजीता राय, पुतुल सिंह, अरविंदर कौर, नीतु दुबे, ममता सिंह, रेनू प्रसाद, सरजू राम, एसबी राणा, बिभास मजूमदार, प्रिंस सिंह, नवीन तिवारी, मनीष सिंह, कौशिक प्रसाद, सरबजीत सिंह टॉबी, सौरभ चटर्जी, शेखर मुखी, त्रिनाथ मुखी, कोला मुखी, बिट्टू मुखी, कार्तिक जुमानी, विक्की तारवे, मोहन दास, सूरज चौबे, प्रितेश शुक्ला, शुभम लाला, सागर चौबे, सूरज साह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।