chhath puja
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chhath puja 2022: छठी मैया की उपासना का महापर्व छठ आज से प्रारंभ हो रहा है.  आज के दिन से संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए निर्जला व्रत किया जाता है. नहाय-खाय छठ पूजा का पहला दिन होता है. छठ पूजा को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. संतान के सुखी जीवन के लिए या फिर संतान की कामना से भी छठ व्रत रखा जाता है. जो लोग छठ व्रत रखते हैं, वे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से नहाय-खाय करते हैं, इससे ही व्रत का प्रारंभ होता है.

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नहायखाय विधि

जो लोग छठ पूजा का व्रत रखेंगे, वे आज स्नान आदि के बाद साफ पहनते हैं. आज के दिन सात्विक भोजन करते हैं. खाने में प्याज, लहसुन आदि का परहेज होता है. व्रती आज घर में सबसे पहले भोजन करते हैं, उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य. नहाय-खाय के दिन भोजन में लौकी की सब्जी और चने की दाल वि​शेष तौर पर बनाई जाती है. इसमें सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है. छठ पूजा के पहले दिन को नहाय-खाय इसलिए कहा जाता है क्योंकि व्रत से पहले स्नान आदि के बाद भोजन किया जाता है. नहाय-खाय के अगले दिन खरना होता है. छठ पूजा में व्रत रखने वाले व्यक्ति को विस्तर पर सोने की मनाही होती है.

 

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