यमराज ने दिया था यमुना को रक्षा का वचन, ये है भाई दूज की पौराणिक कथा, आज हर्सोल्लास से मनाया जा रहा है भाई दूज  

0
Advertisements
Advertisements
Advertisements

Bhaidooj 2022: भाई दूज का पर्व भाईयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का त्योहार है. भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. भाई दूज का पर्व इस बार आज यानी 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस पर्व को मनाने की वजह क्या है इस बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है.

Advertisements
Advertisements

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर और उपहार देकर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं. बदले में भाई अपनी बहन कि रक्षा का वचन देता है इस दिन भाई का अपनी बहन के घर भोजन करना विशेष रूप से शुभ होता है. मिथिला नगरी में इस पर्व को आज भी यमद्वितीया के नाम से जाना जाता है. भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर और उपहार देकर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं. बदले में भाई अपनी बहन कि रक्षा का वचन देता हैइस दिन चावलों को पीसकर एक लेप भाईयों के दोनों हाथों में लगाया जाता है. साथ ही कुछ स्थानों में भाई के हाथों में सिंदूर लगाने की भी परंपरा है.

ये है भाई दूज की पौराणिक कथा…

भाई दूज के विषय में एक पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने इसी दिन अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्नकूट का भोजन खिलाया था. कथा के अनुसार यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिए थे. यम की बहन यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी. यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की. यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी. इसके अलावा यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए. तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है.

See also  बोड़ाम के उप डाकपाल ऑफिस में छलकाते हैं जाम- video

 

 

Thanks for your Feedback!

You may have missed