“इश्क और जंग में सब जायज होता है ” कहावत चरितार्थ करते हुए बेटी ने करवाई पिता की हत्या, कन्हैया सिंह हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझाई, बेटी निकली पूरे कहानी की मास्टरमाइन्ड …
सरायकेला :- सरायकेला जिले के चर्चित हत्याकांड को लेकर पुलिस ने अपनी गुथि सुलझा ली है। पुलिस के मुताबिक कन्हैया सिंह के बेटी अपर्णा सिंह और राजवीर की प्रेम कहानी तकरीबन तीन साल पुरानी है। आठवीं कक्षा में शुरू हुए इश्क का सफर इस अंजाम तक पहुंचेगा यह कल्पना से परे तो है, लेकिन अब हकीकत बन चुका है. ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के साले कन्हैया सिंह की हत्या की कहानी में प्रेमी युगल सख्ती और प्रताड़ना के बाद इंतकाम की आग में जलने लगे और फिर पिता को रास्ते से हटाकर हत्या के कसूरवार बनकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। प्रेमिका के पिता से जलील होने के बाद प्रेमी राजवीर तो पिता की सख्ती के बाद अपर्णा ने पिता की हत्या की योजना बनायी और उसे अंजाम तक पहुंचाया. इस पूरे हत्याकांड में इश्क और जंग में सब जायज है कहावत चरितार्थ होती है।
कन्हैया सिंह से राजवीर किस कदर खुन्नस खाये बैठा था उसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उसने पटना में कार में उनकी हत्या की योजना बना ली थी. उसके बाद उसका ऑडियो क्लीप राजवीर ने अपनी प्रेमिका और कन्हैया सिंह की बेटी अपर्णा को भेजा था. हैरानी की बात यह रही कि कन्हैया सिंह की बेटी ने भी पिता को मारने की योजना को सहमति दे दी थी. यह खुलासा जिले के एसपी प्रकाश आनंद ने किया है. यह वाकया बीते 20 जून का ही है. उस दौरान राजवीर अपने साथी निखिल गुप्ता के साथ कार से पटना रवाना हुआ था. उसके बाद ही उसने कांग्रेस के सरायकेला जिला अध्यक्ष छोटराय किस्कु के बेटे से पिस्तौल भी मंगवाई थी. फिर सोनपुर गये कन्हैया सिंह की वहीं हत्या करने की योजना थी. हालांकि, वहां काफी भीड़-भाड़ होने और कार से पहुंचे युवकों को जब स्थानीय लोगों ने शक की निगाह से देखा तो वहां से भाग निकलने में ही अपनी भलाई समझी. उसके बाद भी राजवीर अपने साथियों के सहयोग से कन्हैया सिंह की हत्या की कोशिश में लगा रहा और इसमें मोबाइल के जरिए लगातार कन्हैया सिंह की बेटी उसका साथ देती रही, जो आखिरकार कन्हैया सिंह की हत्या का मुख्य कारण भी बना.
कन्हैया सिंह की हत्या की साजिश तीन साल पहले तब से रची जा रही थी जबसे कन्हैया सिंह ने बेटी अपर्णा के प्रेमी राजवीर सिंह के परिवार को धमकी दी थी और उसे पुश्तैनी मकान बेचकर किराए के मकान में रहने को मजबूर कर दिया था. इसके अलावा कन्हैया सिंह ने राजवीर के पिता पर लाइसेंसी हथियार तानकर उसे बेइज्जत भी किया था. दोनों के अलग होने के बाद राजवीर ने भी डर से अपर्णा से बात करना बंद कर दिया था. इसके बाद अपर्णा ने जहर खाकर आत्महत्या का भी प्रयास किया था. इसके बाद से ही दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. यही से तैयार होने लगी कन्हैया सिंह को रास्ते से हटाने की पृष्ठभूमि. दोनों ने सोचा कि जबतक कन्हैया जिंदा है तब तक वे लोग एक नहीं हो सकते
हत्याकांड से पर्दा हटाते हुए सरायकेला-खरसवां के एसपी आनंद प्रकाश ने मीडिया को शुक्रवार को बताया कि राजवीर पूर्व में माझीटोला में ही रहा करता था. यही डीएवी एआइटी में पढ़ने के दौरान अपर्णा और राजवीर की नजदीकी बढ़ी जो समय के साथ प्यार में तब्दील हो गई. यही रहते हुए राजवीर की पहचान निखिल गुप्ता से हुई थी. उसे पता था कि इस काम में निखिल ही उसकी मदद कर सकता है. निखिल आपराधिक किस्म का है और वह पूर्व में हत्या के मामले में जेल भी जा चुका है. उसने निखिल से संपर्क कर हत्या की योजना बताई. निखिल भी कन्हैया सिंह से बदला लेना चाहता था क्योंकि जब भी वह कन्हैया सिंह के घर के पास से गुजरता था तो कन्हैया सिंह उसके साथ गाली-गलौज करता था. इसलिए वह हत्या करने के लिए राजी हो गया. इसके लिए उसने निखिल को तीन हजार रुपये और एक शराब की बोतल भी दी थी. वहीं अपर्णा ने भी अपनी हीरे की अंगूठी निखिल को दे दी थी. अपर्णा राजवीर को अपने पिता की हर गतिविधि की जानकारी दी थी. इसी बीच उसने बताया कि 19 जून को उसके पिता बिहार के सोनपुर जा रहे हैं. 20 जून को राजवीर अपने साथी निखिल के साथ कार से सोनपुर के लिए रवाना हो गया. उसके साथ कांग्रेस सरायकेला-खरसावां जिला के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष छोटराय किस्कू का नाबालिग बेटा भी सहयोग कर रहा था. नाबालिग ने पटना में 85 हजार में हथियार उपलब्ध करवाया. 21 जून को सभी सोनपुर पहुंच गए. हालांकि, वहां भीड़-भाड़ होने के कारण वे लोग योजना में सफल नहीं हो पाए और दूसरे दिन ही वापस आ गए.
एक हफ्ते तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं था पर एक दिन सीसीटीवी जांच के दौरान पुलिस को एक फुटेज हाथ लगी जिसमें पुलिस ने निखिल को देखा. निखिल 6 जुलाई को अपने घर वापस आ गया था. पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हुआ. हालांकि, अब तक पुलिस को सिर्फ राजवीर के बारे में ही जानकारी थी. इसके बाद पुलिस ने राजवीर को कोलकाता से हिरासत में लिया. राजवीर ने पूरी कहानी पुलिस के सामने रख दी. पुलिस ने बिहार से अपर्णा को भी गिरफ्तार कर लिया. सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
ज्ञात हो कि कन्हैया सिंह के हत्याकांड के बाद लोग इसे राजनीतिक रंग देने में भी लगे थे लेकिन बेटी का नाम सामने आने के बाद लोग इस बात से स्तब्ध है कि एक बेटी अपने पिता के लिए ऐसा कैसे सोच सकती है।