व्याख्यान माला के अठारहवें अध्याय में “भारतीय संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की भूमिका” विषयक व्याख्यान आयोजित

0
Advertisements
Advertisements

भारतीय संस्कृति, विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में एक – प्रो. पुनम सिंह

Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर (संवाददाता ):-वर्कर्स कॉलेज, जमशेदपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा । इस निमित्त महाविद्यालय द्वारा विभिन्न विषय-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों को लेकर निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । आज व्याख्यान माला श्रृंखला के अठारहवें अध्याय में “भारतीय संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की भूमिका” विषयक व्याख्यान आयोजित किए गए । व्याख्यान को मुख्य वक्ता रूप में पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग की सेवानिवृत्त विभागाध्यक्षा प्रो. पुनम सिंह ने संबोधित किया । उन्होंने अपने संबोधन में संस्कृति एवं सभ्यता के बीच का फर्क बतलाते हुए कहा कि संस्कृति आंतरिक है, यह विचारों में होती है और जब यही विचार हमारे व्यवहार में आते हैं तो दुनिया को सभ्यता के रूप में दिखलाई देते हैं । निष्कर्ष के रूप में हम संस्कृति को आंतरिक एवं सभ्यता को बाह्य तत्व मान सकते हैं । प्रों सिंह ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की विशेष भूमिका होती है क्योंकि महिलाएं कहीं न कहीं संस्कृति की जननी एवं पालनकर्ता के रूप में विद्यमान हैं । संस्कृति की यह विशेषता है कि यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चलायमान होती हैं साथ ही यह परिवर्तनशील भी होती है । भारतीय संस्कृति दुनिया के प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला श्रृंखला के अठारहवें अध्याय का उद्घाटन करते हुए अपने स्वागत वक्त में मुख्य वक्ता प्रो. पुनम सिंह का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित की । साथ ही व्याख्यान माला श्रृंखला के उन्नीसवें अध्याय की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन प्राध्यापक प्रो० भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ. लाडली कुमारी ने की । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

Thanks for your Feedback!

You may have missed