भारतीय लेखकों की श्रेणी में शामिल हुए जमशेदपुर के लेखक अंशुमन भगत
जमशेदपुर :- लौहनगरी जो की स्टील सिटी के नाम से भी विख्यात है। इस शहर की बहुत खासियत है ,कितने ही हीरे इस शहर ने पूरे देश दुनिया को दिया है। राजनीतिक स्तर, मनोरंजन, खेल, विज्ञान और साहित्य भी। साइंटिस्ट, इंजीनियर, फिल्म, नाटक, डायरेक्टर, एक्टर, लेखक, लेखिका और ना जाने कितने ऐसे नायाब हीरे दिए है जमशेदपुर ने।
ऐसे ही एक हीरा जिसने अपने लेखनी के दम पर अपना मुकाम पहले तो राज्य स्तर पर बनाया और अब इसी नायाब लेखक ने अपने प्रतिभा के बल पर अपना नाम सुनहरे अक्षर में भारत के प्रसिद्ध लेखकों के श्रेणी में अंकित करवा लिया है। हम बात कर रहे है जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन भगत की। साहित्य समाज का आइना होता है और इस शहर ने बहुत से ऐसे साहित्यकार दिए है पूरे देश दुनिया को। साहित्य हमारे उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है, साहित्य के माध्यम से लेखक समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं और इसका जीता जागता उदाहरण है कलम से कलाम हुए। इतिहास के पन्नों में देखा जाए तो कई ऐसे लेखक हुए हैं जिन्होंने अपने लेखन से ही प्रसिद्धि हासिल की है। उसी पन्नों में जमशेदपुर के चर्चित लेखक का नाम भी शामिल हो गया है जी हां, अगर शहर का युवा लेखनी के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ जाए की, उसका नाम भारतीय प्रसिद्ध लेखकों की श्रेणी में आने लगे, तो एक पल के लिए आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे की क्या यह संभव है? एक 27 साल का युवा अगर मुंशी प्रेमचंद, सुमित्रनंदन पंत, रविंद्र नाथ टैगोर जैसे महान लेखकों के श्रेणी में कतारबद्ध हो जाये, तो आपका ये सोचना एकदम सही होगा क्यूंकि ऐसा ही कमाल हमारे झारखण्ड (जमशेदपुर) के युवा लेखक अंशुमन भगत ने कर दिखाया है। उनका नाम भारतीय प्रसिद्ध लेखकों की सूची में भी दर्ज हो गया है और यह हमारे शहर तथा पूरे झारखंड वासियों लिए गर्व की बात है यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी अंशुमन भगत का नाम झारखंड के प्रसिद्ध लेखकों की श्रेणी में जुड़ चुका था। किंतु अब जमशेदपुर के चर्चित लेखक अंशुमन भगत का नाम भारतीय लेखकों की श्रेणी में भी शामिल हो चुका है। अब तक जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन को उनके लेखनी से काफी ज्यादा लोकप्रियता मिल चुकी है। अंशुमन ने अपने निरंतर प्रयास और लेखन शैली को ध्यान में रखते हुए खुद को इस काबिल बनाया कि उनका नाम हमेशा चर्चा में बना रहता है।