बिजली की चरमराई स्थिति को लेकर भाजपा हुई आंदोलित, पूर्व सीएम रघुवर दास एवं सांसद विद्युत वरण महतो भी उतरे सड़क पर

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■ बिजली संकट के लिए राज्य की निष्क्रिय सरकार जिम्मेदार, सीएम हेमंत सोरेन को झारखंडवासी से ज्यादा परिवार की चिंता: रघुवर दास

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जमशेदपुर (संवाददाता ):- जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण गर्मी के बीच 15-17 घंटे बिजली की कटौती की वजह से लोग परेशान हैं। इस बिजली कटौती की वजह से न सिर्फ आम जनमानस परेशान हो रहे हैं, बल्कि कई उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है। बिजली की अनियमित आपूर्ति और अघोषित बिजली कट से जनता को हो रही समस्याओं के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने सड़क पर उतरकर राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। भाजपा जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में आयोजित आक्रोश मार्च में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, धनबाद जिला प्रभारी अभय सिंह समेत जिलाध्यक्ष गुंजन यादव व अन्य नेतागण शामिल हुए। भाजपा बिरसानगर मंडल कार्यालय से संडे मार्केट तक कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च करते हुए बदहाल बिजली व्यवस्था पर आक्रोश जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्ती, पंखे, मोमबत्ती और लालटेन लेकर राज्य सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

संडे मार्केट में जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि जमशेदपुर की जनता भीषण गर्मी में त्राहिमाम कर रहे हैं। पिछले अठाईस महीनों में निकम्मी और निष्क्रिय सरकार के कारण बिजली व्यवस्था ही नही अपितु पूरी सरकारी व्यवस्था चौपट हो गयी है। बच्चों के परीक्षाएं हो रही है, लेकिन बिजली नही होने के कारण देश के भविष्य भी प्रभावित हो रहे हैं। बिजली कटौती से उधोग धंधे, पानी की आपूर्ति, अस्पताल की सुविधा भी प्रभावित हो रही है। पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य की जनता से ज्यादा अपने परिवार की चिंता है। हेमंत सोरेन अपने पत्नी के नाम पर 11 एकड़ जमीन लेते हैं, खुद के नाम पर खनन पट्टा, प्रतिनिधि एवं प्रेस-सलाहकार के नाम से ठेका लेते हैं। उन्होंने राज्य में अवैध खनन पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य होने के बाद भी झारखंड में बिजली की सबसे अधिक किल्लत है। ऐसा सरकार के पूर्व प्लानिंग नही करने के कारण उत्पन्न हुआ है।

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पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि सरकार बिजली संकट पर अगर पहले से योजना बनाई होती और उन्हें टाटा पावर, डीवीसी या अन्य कंपनियों के साथ पीपीए कर लेना चाहिए था। बिजली के क्षेत्र में पूर्व की भाजपा सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड देश में सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां से कोयला दूसरे राज्यों में जाता था और हम बिजली खरीदते थे। झारखंड से कोयला ही नहीं बिजली दूसरे राज्यों में जाये, इसे ध्यान में रख कर उनके नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन सरकार पीटीपीएस, पतरातू और एनटीपीसी के बीच साझा समझौता किया। इसके तहत 2024 तक 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाना था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था। पहले चरण में 800 मेगा वाट बिजली का उत्पादन शुरू होना था, परंतु राज्य सरकार की निष्क्रियता और उदासीनता के कारण यह शुरू नही हो सका। जिससे राज्य की जनता 800 मेगावाट बिजली से वंचित रह गयी।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने एनटीपीसी के नार्थ कर्णपूरा का शिलान्यास किया था। लेकिन 10 साल तक केंद्र की यूपीए सरकार ने इस पर काम रोक दिया। 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री ने इसे फिर से शुरू कराया। अब यह पावर प्लांट बनकर तैयार है, परंतु राज्य सरकार के स्तर पर फारेस्ट क्लीयरेंस में यह मामला दो साल से लंबित है। इससे भी 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता। इसी तरह गोड्डा में निजी कंपनी अडानी के साथ 400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराने का करार किया गया था। पिछले दो साल से कंपनी के अधिकारी पीपीए करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहें हैं, लेकिन सरकार इस मामले में सजग और जागरूक नही है।

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सांसद विद्युत वरण महतो ने भी बिजली संकट पर हेमंत सोरेन को घेरते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोयले के सबसे बड़े उत्पादक राज्य में बिजली की समस्या से लोगों को जुझना पड़ रहा है। कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में लोगों को आभास नही होता था कि वे कंपनी क्षेत्र में रहते हैं बस्ती क्षेत्र में। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने विकास कार्यों से कंपनी क्षेत्र और गैर कंपनी क्षेत्र को सुख-सुविधाओं के मामले में समानांतर खड़ा कर दिया था। परंतु आज जमशेदपुर सहित ग्रामीण इलाकों में अघोषित बिजली कट ने आमजनों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता से 100 यूनिट बिजली मुफ्त करने की बात कही थी। लेकिन यहां मुफ्त बिजली तो छोड़िए, पैसा देने के बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल रही है। कहा कि भाजपा कार्यकर्ता हेमंत सरकार को चेताने आये हैं, अगर स्थिति ऐसी ही रही तो भाजपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास को घेरने की तैयारी करेंगे।

इस दौरान संचालन जिला महामंत्री राकेश सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन बिरसानगर मंडल अध्यक्ष बबलू गोप ने किया।

जनाक्रोश मार्च के दौरान मिथिलेश सिंह यादव, देवेंद्र सिंह, कल्याणी शरण, चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, दिनेश कुमार, कमलेश सिंह, भूपेंद्र सिंह, संजीव सिंह, सुशांत पांडा, पवन अग्रवाल, रामबाबू शाह, हलदर नारायण शाह, जितेंद्र मिश्रा, बबुआ सिंह, राकेश सिंह, अनिल मोदी, मंजीत सिंह, बोलटू सरकार, प्रेम झा, नारायण पोद्दार, बिनोद सिंह, अमित अग्रवाल, मीणा सिन्हा, लक्ष्मी मिर्धा, रश्मि भारद्वाज, नीलू झा, जय लक्ष्मी, भारती देवी, प्रोबिर चटर्जी राणा, पप्पू मिश्रा, श्रीराम प्रसाद समेत मंडल अध्यक्ष संतोष ठाकुर, सुरेश शर्मा, ध्रुव मिश्रा, अजय सिंह, प्रशांत पोद्दार, विनोद राय, निशांत कुमार, अमरजीत सिंह राजा, कुमार अभिषेक, अशोक सामंत, मानोज वाजपेयी, नीरज सिंह, अभिमन्यु सिंह चौहान, कंचन दत्ता, सत्येंद्र रजक, उर्मिला दास, सीमा दास, ममता भूमिज, सुधा यादव, बिमला साहू, विशाल उपाध्याय, नरेश प्रसाद सिंह, तापस कर्मकार, बापण बनर्जी, मृणाल बनर्जी, कृपा गोप, अनूप सिंह, अनूप पांडेय, नवजोत सिंह सोहल, ह्नन्नी परिहार, शिंदे सिंह, गौतम दास समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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