1857 इसवीं के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे बाबू वीर कुंवर सिंह : डॉ मनीष रंजन
बिक्रमगंज/रोहतास:- काराकाट विधानसभा से भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव में ले जाते समय वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय धारूपुर में मुख्य अतिथि के रुप में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के सीनेट सदस्य एवं भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री डॉ मनीष रंजन ने बाबू वीर कुंवर सिंह के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी । डॉ रंजन ने कहा कि वीर कुंवर सिंह का जन्म 23 अप्रैल 1782 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था । इनके पिता बाबू साहबजादा सिंह प्रसिद्ध शासक भोज के वंशजों में से थे । उनके माताजी का नाम पंचरत्न कुंवर था । उनके छोटे भाई अमर सिंह, दयालु सिंह और राजपति सिंह एवं इसी खानदान के बाबू उदवंत सिंह, उमरांव सिंह तथा गजराज सिंह नामी जागीरदार रहे तथा अपनी आजादी कायम रखने के खातिर सदा लड़ते रहे । 1857 इसवीं में अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढ़ाया । मंगल पांडेय की बहादुरी ने सारे देश में विप्लव मचा दिया । बिहार की दानापुर रेजिमेंट, बंगाल के बैरकपुर और रामगढ़ के सिपाहियों ने बगावत कर दी ।
डॉ रंजन ने कहा कि मेरठ, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी और दिल्ली में भी आग भड़क उठी । ऐसे हालात में बाबू कुंवर सिंह ने अपने सेनापति मैकु सिंह एवं भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया । वीरगति संपादित करें इन्होंने 23 अप्रैल 1858 में जगदीशपुर के पास अंतिम लड़ाई लड़ी । ईस्ट इंडिया कंपनी के भाड़े के सैनिकों को इन्होंने पूरी तरह खदेड़ दिया । उस दिन बुरी तरह घायल होने पर भी इस बहादुर ने जगदीशपुर किले से गोरे पिस्सुओं का “यूनियन जैक” नाम का झंडा उतार कर ही दम लिया । वहां से अपने किले में लौटने के बाद 26 अप्रैल 1858 को इन्होंने वीरगति पाई । ऐसे महापुरुष के नाम पर धारूपुर ग्राम निवासी राजबहादुर सिंह ने यहां वीर कुंवर सिंह डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की । जो पूरे शाहाबाद का एक अनोखा संबद्ध महाविद्यालय है, जिसके शिक्षक सीनेट एवं सिंडिकेट के सदस्य हैं ।
कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य प्रो सुरेन्द्र कुमार सिंह, वरुण कुमार सिंह, तारकेश्वर सिंह, सुधाकर पटेल,ललन चौरसिया ,मदन प्रसाद वैश्य, सुरेश प्रसाद गुप्ता, अजीत कुमार सिंह, रामाशंकर सिंह, मुन्ना पांडेय, विनोद पासवान,सुनील कुमार सिंह,सुनील सिंह ,राजेश्वर सिंह, सुरेश तिवारी, गुप्तेश्वर गुप्ता, ललित मोहन सिंह,प्रो बीर बहादुर सिंह, प्रो उमाशंकर सिंह,प्रो शिवकुमार सिंह, प्रो अखिलेश सिंह, प्रो विजय सिंह, प्रो ज्ञान प्रकाश सिन्हा, प्रो ब्रजकिशोर सिंह, प्रो अनील सिंह, प्रो अजय सिंह, प्रो दिनेश कुमार, प्रो कुमार विवेक, प्रो बलवंत सिंह, अभय कुमार सिंह, रोहित कुमार तिवारी, अजय कुमार मिश्रा, राजेश्वर सिंह,मंटू कुमार चौधरी आदि लोग उपस्थित थे ।