आखिर कब तक संविधान के चौथे स्तंभ परेशान होते रहेंगे,जब एक पत्रकार ही सुरक्षित नही रहेगा,तिरुलडीह थाना पुलिस कर्मीयो ने पत्रकार को पीटा ..

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जमशेदपुर (संवाददाता ):-आज के तिरुलडीह पत्रकार को तिरुलडीह पुलिस ने बीती रात बर्बरता पूर्वक पीटने से पत्रकार बिद्युत की हालत खराब हो गयी है।मामला सरायकेला जिले के तिरुलडीह थाना का है ।पीड़ित पत्रकार ने बताया कि बीती तीन चार दिन से क्षेत्र में अबैध बालू उठाव पर रोक है इसी कढ़ी में शुक्रवार की शाम किसी ट्रेक्टर से बालू कुकडु की और ले जाया जा रहा जब ट्रेक्टर ड्राइवर को तिरुलडीह मार्केट के सामने पूछा गया कि बालू बंद है और तुम कहाँ बालू ले जा रहे हो इसी पर डर कर ट्रेक्टर ड्राइवर ट्रेक्टर को बीच रास्ते मे ही छोड़कर भाग गया।इसकी सूचना पत्रकार विद्युत महतो ने तिरुलडीह थाना प्रभारी को देते हुए वहाँ पहुचकर ट्रेक्टर को ले जाने की बात कही।पुलिस काफी देर बाद भी नही आई तब ट्रेक्टर को तिरुलडीह थाना के समीप पुलिस को सपुर्द करने ले जाया गया।तब भी पुलिस थाना से बाहर नही निकली।इसपर पत्रकार ने थाना प्रभारी को कॉल करके बोला कि जब ट्रैक्टर को थाना के सामने ला दिए है इसे जब्त करने में क्या है?इतने में दो पुलिस कर्मी बड़े बहादुरी के साथ बाहर आकर पत्रकार विधुत महतो की जमकर पिटाई कर दिए।डंडे से पैर पर मारने से बिद्युत बुरी तरह चोटिल हो गया।वही पुलिस ने पत्रकार विद्युत महतो का मोबाइल को तोड़कर फेक दिया।मार खाकर विद्युत बुरी तरह कराहने लगा।पुलिस उसे उसी हाल में छोड़कर थाना के अंदर चले गए।काफी देर बाद जब लोगो को इसकी सूचना मिली तो स्थानीय लोगो के सहायता से उसे तिरुलडीह उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहाँ उनका प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रातो रात ईचागढ़ स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया गया।खबर है कि उसका हालात बिगड़ता देख उसे पुनः आज सुबह बेहतर ईलाज के लिए टाटा एमजीएम अस्पाल भेज दिया गया।वही द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला एवम पूरे जिले के पत्रकार तिरुलडीह पुलिस के इस नीच हरकत का निंदा करते हुए।दोषी पुलिसकर्मियों पर करवाई की मांग करती है ।

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