नोटिस के बावजूद सर्विस लेन पर किसके अधिकार से खड़ी की जा रही है बड़ी गाड़ियां ?? बढ़ रहा एक्सीडेंट का खतरा , होते है कई दुर्घटनाएं …, प्रशासन मौन …

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सरायकेला / आदित्यपुर :- इस तस्वीर में देखने से साफ है कि इस नोटिस में लिखा है कि- झारखंड सरकार की ओर से अधिसूचित किया गया है कि सर्विस लेन में वाहन खड़ा करना प्रतिबंधित है और दंडनीय अपराध है, इसलिए ड्राइवर और उसके सहायक को सर्विस लेन के किनारे वाहन पार्क करते पाए जाने पर दंडित किया जाएगा।

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यह नोटिस वरुण बेवरेजेज के ठीक बगल में है, जो स्पष्ट रूप से ड्राइवरों और उनके सहायकों को सतर्क रहने और सर्विस लेन के किनारे अपने वाहन पार्क नहीं करने का सुझाव देता है। लेकिन बता दें कि यह सिर्फ दीवार तक ही सीमित है । सरकारी नियमों के अनुसार यदि राज्य ऐसा करते पाया जाता है तो चालक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सर्विस लेन जाम करने पर दंडित किया जाएगा। लेकिन आधे से अधिक सर्विस लेन पर ट्रक वालों का कब्जा देखा जाता है । जो कि सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन करती है । लेकिन ये नियमों कि धज्जियां किसके आदेश से उड़ाई जा रही है यह जांच का विषय है ।

नोटिस के ठीक सामने, अनलोडेड और लोडेड ट्रकों की कतार देखी जा सकती है, जिनके ड्राइवर और खलासी यहाँ गाड़ी पार्क कर के कही और मजे ले रहे होते है।

 


नोटिस के पास खड़े ट्रक, सड़क के आधे हिस्से पर कब्जा

आदित्यपुर के लघु औद्योगिक क्षेत्र की पूरी पट्टी में सर्विस लेन के किनारे पार्किंग के ऐसे ही दृश्य हैं, जो सड़क के आधे हिस्से पर कब्जा कर रहे हैं और सर्विस लेन की उपयोगिता को कम कर रहे हैं। बता दें कि सर्विस लेन के दोनों ओर बड़ी गाड़ियां आराम से पार्क की जाती है लेकिन प्रशासन की ओर से कभी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है ।

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सर्विस लेन क्या है? इसका निर्माण क्यों किया जाता है?

सबसे पहले हम यह बतड़ एन कि सर्वउस लेन आखिर बनाया क्यों जाता है ?? इसकी क्या उपयोगिता है ?? बता दें  कि सर्विस लेन मुख्य (व्यस्त) सड़क के समानांतर चलती है, मुख्य रूप से स्थानीय यातायात के लिए पहुँच प्रदान करती है और इस तरह मुख्य सड़क पर यातायात के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ने के लिए कम से कम हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करती है। यह पार्किंग, दिशा बदलने जैसी सुविधाएं भी प्रदान करती है। सर्विस लेन का एकमात्र उद्देश्य राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले वाहनों को सुगमता प्रदान करना और जरूरत पड़ने पर आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना है।

 

लेकिन यहाँ सर्विस लेन पर जो दृश्य बना रहता है उसमे बड़े गाड़ियों के द्वारा स्थायी रूप से अतिक्रमण है जिसके चलते सडक़ पर सिर्फ इतना रास्ता रह जाता है कि एक वाहन ही निकल सकता है, वह भी स्पीड में नहीं। अगर गलती से भी स्पीड में निकला तो एक्सीडेंट होना तय है। यहां की मुख्य सडक़ को वाहन चालकों ने अघोषित पाॄकग बना दिया है। इसके चलते दिन में कई बार जाम के हालात निर्मित होते हैं, वहीं दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं।

हमारी टीम लोक आलोक ने आगे की पड़ताल में पाया कि चालक जानबूझकर या अनजाने में अपने ट्रकों को साइड लेन के किनारे पार्क कर रहे थे या तो कुछ आराम करने के लिए या कंपनी से अपनी बारी के लोड होने का इंतजार कर रहे थे।

पूछने पर, ‘उन्होंने बताया कि पार्किंग की जगह की कमी के कारण हमें अपना वाहन पार्क करने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिससे हमें रात के समय और अधिक परेशानी होती है क्योंकि हमारे वाहन खुले में पार्क किए जाते हैं, अक्सर डीजल और बैटरी के रूप में ट्रक चोरी हो जाते हैं जो हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान होता है। हम सरकार से पार्किंग की जगह की मांग करते हैं।

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लेकीन सवाल यह है कि इन्डस्ट्रीअल एरिया में सरकार के द्वारा नोटिस तो लिख दिया लेकिन आखिर उन ड्राइवर और खलासी के द्वारा गाड़ियां कहाँ खड़ी की जाए ? इसका ड्राइवर और खलासी इसका जवाब किससे पूछें और किससे पार्किंग स्पेस की मांग करें, यह अभी भी एक बड़ा सवालिया निशान बना हुआ है, और यह अवैध पार्किंग कब तक चलेगी ???????????? अगर इसपर रोक नहीं लगा तो आए दिन दुर्घटना पर भी रोक लगाना मुश्किल होगा ।

 

अभिरूप भद्र (संवाददाता , लोक आलोक न्यूज )

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