अंकिता सिन्हा ने पीलीभीत में आयोजित कवि सम्मेलन में देशभक्ति गीतों से सबको लुभाया, मेरे जीवन के है बस यही दो जहां…
जमशेदपुर:- हिन्दी साहित्य भारती व साहित्य सागर ( हौसला की उड़ान) के संयुक्त तत्वाधान में कवि सम्मेलन का आयोजन पीलीभीत में आयोजन किया गया, जिसमे जमशेदपुर की ख्याति प्राप्त युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा ने हिस्सा लिया। मौके पर सभी कवि और कवयित्रीयो को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंकिता सिन्हा ने अपनी देशभक्ति कविताओं की प्रस्तुति देकर सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। पूरा सभागार अंकिता सिन्हा की देशभक्ति गीतों से गूंजता रहा और दर्शकों की तालियां लगातार बजते रही। अंकिता सिन्हा ने अपनी देशभक्ति गीत की शुरुआत की … मेरे जीवन के हैं बस यही 2 जहाँ
है यह मेरी ज़मी और मेरा आसमा
एक फौजी में दो माओं का प्यार है। एक माँ घर पे है एक सरहद है माँ[अंकिता
तिरंगे पर तेरी क़ुर्बानियों का रक्त अर्पित है। तेरी क़ुर्बानियों और वीरता से देश जीवित है। मेरे फौजी नमन तुझ को तेरी सेवाओं को हर दम। तेरा बलिदान इस भारत के हर कोने में चर्चित है। इस प्रस्तुति में सबको भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के संस्थापक गिरीश सोनवाल ने किया। मौके पर कानपुर की डॉक्टर अंजना कुमार, उत्तराखंड के डॉक्टर जयंत कुमार, महाराष्ट्र के साहिल कुमार, बिहार के प्रेम सागर, ग्वालियर के रचित दीक्षित, पूरनपुर के विकास, मुरादाबाद के अजय वंश सरल, पीलीभीत के मुजीब साहिल, संजय पांडेय, उमेश आदि की प्रस्तुति भी दमदार रही।