अंकिता सिन्हा को राजस्व परिषद बार एसोसिएशन प्रयागराज की ओर से किया गया सम्मानित.

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जमशेदपुर:-  राजस्व परिषद बार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा जमशेदपुर झारखंड से पधारी युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे वो बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री हर्ष शर्मा ने कवयित्री अंकिता सिन्हा की सराहना की एवं शब्दों के द्वारा स्वागत किया। मौके पर अंकिता सिन्हा को माल्यार्पण कर श्रीफल, अंग वस्त्र और सम्मान पत्र देकर उनका सारस्वत सम्मान और अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर हर्ष शर्मा ने कहा की केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद श्रीनगर लाल चौक पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर अंकिता सिन्हा ने जिस दिलेरी के साथ झंडा फहराया और राष्ट्रगान गाया इसके लिए मैं उन्हें वीरांगना की उपाधि से सम्मानित करता हूं। वास्तव में यह कवयित्री इस सम्मान के योग्य है। उन्होंने कहा कि अंकिता सिन्हा साहित्य के प्रति समर्पित है और कड़ी मेहनत और लगन के साथ साहित्य के क्षेत्र में अपने आप को लगातार आगे बढ़ा रही है जो बहुत ही सराहनीय कदम है।

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उनसे पहली बार मुलाकात दिल्ली में आयोजित राम कथा में हुई थी और तब से इनके साथ संपर्क बना हुआ है। मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव श्रीमती मंजू पांडेय मैनपुरी, श्रीमती वंदना शुक्ला सुप्रसिद्ध कवयित्री उपाध्याय संयोजक ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। प्रारंभ में मुख्य अतिथि अंकिता सिन्हा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन महासचिव श्रीमति मंजू पांडेय ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर अंकिता सिन्हा ने अपनी रचना की प्रस्तुति दी जिसे सभी लोगों ने काफी सराहना की …
मधुर चैत की चाँदनी, बरस रही रसधार। प्रीतम मन चंचल हुआ, मादक बहे बयार।। कान्हाँ जा मथुरा बसे, करत पपीहा शोर।
कोयल कूके जा रही, प्रेम विवश मन मोर।। प्रीत रीति अति पावनी, कठिन निभानी प्रीत ।
कमल कोख भँवरा फँसा, यही जगत की रीत ।। प्रेम रूप पोशाक में, झुक झुक गिरा पतंग। जलते दीपक पर सदा , जलता उसका अंग।। प्रेम सदा करता हृदय , जीवन रस संचार।
मानव मानव में पले, जीव जीव से प्यार।।

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