ईद-ए-मिलाद में प्रशासन की कार्यशैली पर भाजपा ने उठाये सवाल, कहा प्रशासन एक आंख में सूरमा और दूसरे में काजल जैसी कहावत को कर रही चरितार्थ

Advertisements
Advertisements
Advertisements

 प्रशासन को टूलकिट की तरह उपयोग कर रही हेमंत सरकार: गुँजन यादव।

Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर (संवाददाता ):- जमशेदपुर में मंगलवार को मिलाद उन-नबी का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान युवाओं ने शहर के विभिन्न प्रमुख रास्तों पर बाइक रैली निकालकर जश्न मनाया। इस दौरान शहर में अन्य दिनों में चौक-चौराहों पर वाहन चेकिंग करने वाले पुलिसकर्मी नदारद दिखे। भाजपा ने जिला प्रशासन की इस दोहरी नीति पर सवाल उठाये हैं। मंगलवार को भाजपा महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुर्गा पूजा में नियमों के आधार पर कई पाबंदियां प्रशासन द्वारा लगाई गई परंतु जब विशेष समुदाय के पर्व की बारी आती है तो सारे नियम कानून की सरेआम धज्जियां उड़ा दी जाती है और शासन-प्रशासन बिल्कुल पुतले की तरह मौन होकर तमाशबीन बनकर रह जाती है। मंगलवार को कोविड गाइडलाइंस को मुँह चिढ़ाते हुए पूरे शहर में विशेष समुदाय के लोग हो-हल्ला मचाते रहे। कहीं रास्ता जाम किया गया तो कहीं बड़ी संख्या में वाहनों की रैली निकाली गयी। राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन हो या यातायात के नियम सभी बस दिखावे और हिन्दू पर्व त्योहारों के लिए ही बनाए गए हैं। गुँजन यादव ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के पर्व पर राज्य सरकार एक आंख में सूरमा और दूसरे में काजल जैसी कहावत को चरितार्थ करता हुआ नजर आ रहा है। राज्य सरकार की ओर से यह व्यवस्था अपने आप में निराली है। भाजपा जिलाध्यक्ष गुँजन यादव ने प्रशासन से दोहरी नीति ना अपनाने की अपील की है। कहा कि ऐसी व्यवस्था से समाज को नुकसान होता है। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सूबे में विशेष समुदाय की सरकार चल रही है तभी तो कोविड प्रोटोकॉल का हिंदुओं पर कठोरता से पालन करवाया जाता है और विशेष समुदाय के पर्व पर छूट दी जाती है। जो बिल्कुल न्याय संगत नहीं है। प्रदेश की हेमंत सरकार जिला प्रशासन को अपना टूलकिट बनाकर धार्मिक तुष्टिकरण का शर्मनाक खेल खेल रही है। कहा कि जमशेदपुर में पिछले दिनों दुर्गा पूजा के दौरान हुई घटना सर्वविदित है। गुँजन यादव ने कहा कि जबसे प्रदेश में हेमंत सोरेन की सरकार आयी है तबसे तुष्टीकरण की शर्मनाक राजनीति को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। इस तरह की दोहरी नीति की जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगी।

You may have missed