टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस बहाली के नाम पर औद्योगिक गुंडागर्दी पर उतरे झामुमो के चारों विधायक: सुधांशु ओझा
जमशेदपुर:- पिछले दिनों टाटा स्टील के द्वारा ट्रेड अप्रेंटिस मैं बहाली हेतु विज्ञापन निकला था जिसका विरोध चारों स्थानीय झामुमो विधायकों के द्वारा किया जा रहा है। इसपर भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने ऐसे कार्य को निंदनीय बताते हुए कहा कि ऐसे कार्य विदेशी शक्ति के सहयोग से ईसाई मिशनरियों के इशारे पर किये जा रहे हैं। टाटा स्टील विश्व स्तर की कंपनी है इसके विस्तार और मजबूती के लिए योग्य कर्मचारियों की आवश्यकता है। जिससे यह कंपनी अपने दक्ष मजदूरों के बल पर विश्व स्तर पर अपने मजबूती कायम करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सके। पिछले 19 महीने में झारखंड के हेमंत सरकार युवाओं बेरोजगारों को सब्जबाग दिखाकर रोजगार एवं बेरोजगारी भत्ता की बातें की अब उससे भाग रही है। झारखंड सरकार तो रोजगार दे ना सकी अब इनके विधायक औद्योगिक गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। यह टाटा स्टील से बारगेनिंग करना चाहते हैं जो कि जनहित और झारखंड के हित में नहीं है। ऐसे अवसर पर यह जो भीतरी और बाहरी का राग अलाप रहे हैं उससे से झारखंड को हानि होने वाला है। ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में यह लोग झारखंड को भीतरी और बाहरी के नाम पर आग में झोंकने की पूरी योजना बना चुके हैं। सुधांशु ओझा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि अपने विधायकों पर लगाम लगाएं अन्यथा झारखंड रसातल की ओर चली जाएगी जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से झामुमो की होगी।
बाहरी-भीतरी की बात करना बंटवारे की साजिश के समान: राकेश सिंह
इस घटना पर भाजपा जिला महामंत्री राकेश सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि झामुमो विधायक के गुंडागर्दी के कारण आज झारखंड में औद्योगिक विकास ठप्प हैं। सभी विधायक औद्योगिक क्षेत्र में चारों तरफ अंधकार का वातावरण निर्माण करने में लगे हुए हैं। यदि सफल औद्योगिक नीति के अभाव में औद्योगिक विकास नहीं होगा तो झारखंड के युवाओं को रोजगार कहां से मिलेगा। झारखंड के विकास के लिए यहां औद्योगिक विकास अति आवश्यक है। कहा कि झारखंड बिहार से अलग होकर बना। ऐसे में झारखंड से बिहार और यूपी के लोगों को अलग करना बंटवारे की साजिश करने के समान है।
आदिवासियों के नाम पर झामुमो ने की है केवल अपनी चिंता: प्रेम झा
वहीं, भाजपा महानगर प्रवक्ता प्रेम झा ने झामुमो विधायक द्वारा बाहरी-भीतरी की बात करने को मुद्दों से भटकाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के नाम पर केवल राजनीति करने वाली झामुमो ने आदिवासी भाई-बहनों के साथ हमेशा छल किया है। जबसे झामुमो की सरकार बनी है, तबसे सिर्फ आदिवासी, मूलवासी, गैर आदिवासी, बाहरी-भीतरी का नारा दिया जा रहा है। इसके अलावा इन्होंने अबतक कोई कार्य नहीं किया है। पूरा प्रदेश जानता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में आंदोलनकारी सिदो-कान्हू के छठे वंशज रामेश्वर मुर्मू की निर्मम हत्या की गयी। साहिबगंज की ईमानदार थाना प्रभारी रूपा तिर्की की हुई संदेहास्पद मौत पर राज्य सरकार का गैर-जिम्मेदाराना रवैया दर्शाता है कि झामुमो आदिवासी समाज नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक भविष्य की चिंता करता है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को अपने चुनावी घोषणापत्र को देखने की आवश्यकता है, जिसमें उन्होंने रोजगार और बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था।