करें योग , रहे निरोग … योग दिवस पर जानें महत्वपूर्ण बातें…

~Puja Kumari Yoga-Naturopathy Therapist Director- A.R.Institute of Yoga & Science Jamshedpur Teacher - Mount Litera Zee School Jamshedpur

Advertisements
Advertisements

हेल्थ / लाइफ स्टाइल / योगा दिवस स्पेशल :-  योग हमारे लिये कितना जरूरी है ये बात आज की महामारी में हम सबको अच्छे से समझा दिया है। योग शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है -जुड़ना या जोड़ना। और इसका पूर्ण अर्थ है खुद से खुद को जोड़ना/ खुद से जुड़ना।
जब हम योग करते हैं तो हमारा मन -मस्तिष्क एकाग्र होने लगता है, हम पूर्ण एकाग्रता और चेतना की ओर बढ़ते हैं। और जब ऐसा होने लगता है तो फिर मन मे उठने वाले सारे क्लेश/चिंता/दुःख/पीड़ा/असंतुष्टि/घबराहट/घृणा/लालसा/लालच/मोह सारे मुश्किलों का नाश होने लगता है। हमारे जीवन मे जितनी भी बीमारी का सामना हमें करना पड़ता है वो सब कहीं न कही मन से ही शुरू होता है और अगर बीमारी है तो फिर मन पर आघात करता है और फिर वो शरीर पर अपना असर दिखाने लगता है। या मैं कहूँ तो ये गलत नही होगा कि हमारे सारे मुश्किलों का जड़ मन से ही शुरू औऱ मन पर ही खत्म होता है। और मन का उपचार करने के लिये कोई दवाई आज तक नहीं बन पायी है।योग हमें इन सबसे उभरने में मदद करता है। योग को हमें daily routine में लाना होगा तब ही हम इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं। अगर हर रोज़ कम से कम 1 घंटा योगासन , प्राणायाम और मंत्रों का उच्चारण कर के हम दिन की शुरुवात करते हैं तो हमारा शारीरिक,मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ दिन प्रतिदिन बेहतर हो सकता है।
वैसे तो ब्रह्म मुहूर्त अर्थात भोर के 3-4 बजे योगाभ्यास के लिये अति उत्तम माना जाता है, पर ये अधिकांश के लिए मुश्किल है। आज के इस भाग दौड़ की ज़िंदगी मे भी कुछ बातों का ध्यान रख कर हम हर रोज़ योग कर सकते है।योग करने से पहले ध्यान देना चाहिये कि आपका पेट कम से कम 2 घंटे
खाली हो मतलब आपने 2 घण्टे पहले खाया हो, तुरंत खाते ही योगाभ्यास नही करना चाहिए। योग करने से पहले कुछ सूक्ष्म व्यायाम करना चाहिए, फिर योगासन का अभ्यास साँसों पर ध्यान देते हुए करना चाहिये। और अंत मे प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिये। प्राणायाम अभ्यास के बाद लगातार 3-5 मिनट ॐ शब्द का उच्चारण करने से मन शांत और ऊर्जावान होने लगता है।
योग के आदि गुरु परम पूजनीय महर्षि पातंजलि जी ने योग के आठ अंग (आष्टांग योग)बताये गए है- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
जिसमे यम और नियम बाह्य और आंतरिक अनुशासन और शुद्धि से जुड़े है, मतलब हमें हमारे शरीर को बाहरी रूप से साफ-स्वच्छ रखना चाहिये और अंदर से भी साफ और शुद्ध रखना चाहये किसी से कोई बैर, द्वेष ईर्ष्या , चोरी इन चीजों से खुद को दूर रखना चाहिए ।उसके बाद आसन और प्राणायाम करना चाहिये। तब ही योग हमे सध सकता है। श्वासों पर ध्यान देते हुए योगाभ्यास करने से ऑक्सीजन हमारे सारे नस -नाड़ियों (सारे cells) तक पहुचंती है, और डेड सेल्स रिमूव होकर न्यू सेल्स बनते है। अगर रोज़ाना योगाभ्यास किया जाये तो हमारे शरीर मे ऑक्सीजन की कमी कभी नहीं होगी। औऱ हम खुद को निरोग रख पाएंगे।
अगर आपने अब तक योग आरंभ नही किया है तो आज योग दिवस की दिन से ही प्रण लें और इसकी शुरुवात करें।
हर रोज़ कम से कम 1 घंटा योग, प्राणयाम और ॐ मंत्र का उच्चारण करें । बस एक बात का ध्यान रखें कि जब भी पहली बार आप शुरू करें तो किसी योग शिक्षक से कुछ समय सीखें ताकि आपको छोटी-छोटी पर बहुत ज़रूरी बातों का ज्ञान मिलेगा जो बहुत ज़रूरी है। आपको क्या परेशानी है, और आपके शरीर की संरचना को ध्यान में रख कर ही योग सिखाया जाना चाहिए , तब ही लाभ मिलेगा। और उसके बाद आप चाहे तो खुद से कर सकतें है।
एक साधारण पर बहुत फायदेमंद योग अभ्यास मैं बताना चाहूँगी जिसे मैं खुद भी फॉलो करती हूं -/ हर रोज़ सुबह या शाम(खाली पेट) 15 मिनट सूक्ष्म व्यायाम , सूर्य नमस्कार के 10 चक्र (सूर्य नमस्कार के मंत्रों के साथ), फिर सुखासन में बैठ कर 10 मिनट कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास, 15 मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम, 5 मिनट भ्रामरी प्राणायाम और अंत मे 3 मिनट आंख बंद कर के लगातार ॐ शब्द का उच्चारण करना चाहिए। आप चाहें तो इसी समय 2 मिनट लगातार ताली (Clapping) बजा सकते हैं ऐसा करने से हमारे बॉडी के इंटरनल ऑर्गन्स एक्टिव हो जाते हैं ये एक तरह से एक्यूप्रेशर  का काम करता है। हाथ और पैर में हमारे बॉडी पार्ट्स और इंटरनल ऑर्गन्स के स्वीचेस होते हैं जिनको दाब देकर हम उनके फंगक्शनस  को एक्टिव करते हैं इस चिकित्सा को सुजोक चिकित्सा प्रणाली कहा जाता है। आपको मालूम तो नही के किस पॉइंट पर , कैसे और कितना दाब देकर आप कौन से ऑर्गन के फंगक्शनस को एक्टिव कर सकते हैं ? इसलिये 2 मिनट ताली बजा लिया करें , जिससे हर एक ऑर्गन का फंगक्शन एक्टिव हो जायेगा । योगाभ्यास के दौरान पानी तब तक नहीं पिये जब तक कोई मुश्किल महसूस न हो। पूर्ण योगाभ्यास के बाद ही पानी पियें और फिर स्नान कर के आप खा सकते हैं। ये कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिनका कोई ऑपरेशन नहीं हुआ हो या कोई गंभीर बीमारी नहीं है वो कर सकते हैं।
योग वो स्वयं चिकित्सा पद्धति है जो आप खुद कर सकतें है और इसके कोई साइड इफ़ेक्ट भी नही होते।

Advertisements
Advertisements

करें योग रहें निरोग।
योग से होगा हर मन निरोग।

See also  मतगणना की तैयारी शुरू, जिला निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देशानुसार दो पालियों में मतगणना कार्मिक को दिया गया प्रशिक्षण

 

You may have missed