अखंड सौभाग्य,समृद्धि एवं चिरंजीवी संतान प्राप्ति को ले सुहागिन स्त्रियों ने रखा वट सावित्री व्रत
बिक्रमगंज /रोहतास (संवाददाता ):- अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंडों के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में वृहस्पतिवार को सभी व्रती प्रातः काल से ही अपने नजदीकी नदी एवं जलाशयों में प्रातः काल स्नान कर देवालयों में पूजा अर्चना की । उसके उपरांत ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थानीय शहर के नगर परिषद क्षेत्र के धारूपुर ग्राम के वार्ड संख्या 21 में अवस्थित काली स्थान के परिसर में वट वृक्ष के नीचे कुंवारी कन्या एवं सुहागिन स्त्रियों ने व्रत रखकर वट वृक्ष का परिक्रमा करते हुए कथा का श्रवण की । ऐसी मान्यता है कि हिन्दू धर्म में सुहागिनों के लिए वट सावित्री का पर्व एक अलग ही महत्व रखता है । अनुमंडल क्षेत्र के सभी क्षेत्रों में सुहागिनों ने वट सावित्री का पर्व बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया । एक दिन पूर्व ही वटवृक्ष के आसपास साफ – सफाई की गई । पंडित हरिशरण दुबे एवं अशोक तिवारी ने बताया कि सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है । इस तिथि को कुवांरी कन्या भी अपने अखंड सौभाग्य प्राप्ति को ले एवं सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु एवं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं । व्रती बंदना पांडेय ने कहा कि कुंवारी कन्या एवं सुहागिन स्त्रियां व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा एवं परिक्रमा करती है । पति की लंबी आयु , सुख – समृद्धि एवं चिरंजीवी संतान प्राप्ति हेतु कामना करती है । वहीं रेनु देवी सहित पूजा स्थल पर उपस्थित सभी व्रती ने बताया कि इस व्रत में चना व पंखे का विशेष ख्याल रखा जाता है । व्रती उपवास के दिन सोलह श्रृंगार कर प्रातःकाल में वट वृक्ष की पूजा व परिक्रमा करती हैं । साथ ही कई सुहागिन स्त्रियों ने सावित्री व सत्यवान की कथा श्रवण ब्राह्मणों के श्रीमुख से सुनी ।