पति कि लंबी आयु के लिए सुहागिनों ने किए वट सावित्री
आदित्यपुर /जमशदपुर (अभय कुमार मिश्रा ):-वट सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती भी मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि वट सावित्री व्रत को करने से पति दीर्घायु होता है. इस बार वट सावित्री का व्रत 10 जून गुरुवार को है. इस व्रत में नियम निष्ठा का विशेष ख्याल रखना पड़ता है ।
बट सावित्री व्रत 10 जून गुरुवार को मनाया जा रहा है। हिदू धर्म में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाले वट सावित्री व्रत सुहागन महिलाओं के लिए विशेष महत्त्व है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को सच्ची श्रद्धा के साथ करती है, उसे न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि उसके पति के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं। आमतौर पर इस दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान से अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। महिलाएं अखंड सौभाग्य व परिवार की समृद्धि के लिए ये व्रत करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की परिक्रमा करती हैं और उस पर सुरक्षा का धागा बांधकर पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं के लिए खास बात ये है कि इस दिन शनि जयंती भी पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार, शनि जयंती को शनिदेव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून दिन गुरुवार को लगने जा रहा है। ज्योतिष में ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक काल का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण का सूतक, ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान किसी भी शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। सूतक काल के दौरान भगवान की पूजा करना वर्जित माना जाता है।
सूर्य ग्रहण और वट सावित्री व्रत एक ही दिन पड़ रहा है। ऐसे में वट सावित्री व्रत की पूजा और उपवास को लेकर कई महिलाओं के मन संदेह है। इस बार का सूर्य ग्रहण भारत के केवल अरुणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। इसलिए, हिदू पंचांग के अनुसार पंडितों ने बताया कि विवाहित स्त्रियां वट सावित्री व्रत की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ कर सकती हैं।
अमावस्या तिथि 9 जून 2021 दोपहर 01:57 से शुरू होकर 10 जून 2021 शाम 04:22 पर समाप्त होगी।व्रत पारण तिथि- 11 जून 2021 शुक्रवार ।