आवेदन पोर्टल पुनः चालू करने और नामांकन फीस में रियायत देने की मांग पर झारखंड के विभिन्न विधायकों को सौंपा गया ज्ञापन
जमशेदपुर:- आज दिनांक 4 जून 2021 को ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन झारखंड राज्य कमिटी के आवाहन पर छात्रवृत्ति पोर्टल को चालू करने और बीएड प्रोफेशनल ,वोकेशनल तथा अन्य पाठ्यक्रमों के फ़ीस में रियायत देने की मांग पर झारखंड के विभिन्न विधायकों के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जमशेदपुर में भी पूर्वी विधानसभा के विधायक श्री सरयू राय , पश्चिमी विधानसभा से विधायक तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता तथा जुगसलाई विधानसभा के विधायक श्री मंगल कालिंदी के कार्यालय में उनके नामों से ज्ञापन सौंपा गया और पोटका विधानसभा के विधायक श्री संजीव सरदार से मिलके उनको ज्ञापन सौंपा गया और उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार से अविलंब इस पर छात्र हित में निर्णय के लिए बात करेंगे । विदित हो कि AIDSO के नेतृत्व में झारखंड के विभिन्न जिलों के छात्र पिछले 3 महीनों से छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को चालू करने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे है। इसी क्रम में आज झारखंड के विभिन्न विधायकों को भी मांग पत्र सौंपा गया।मांग पत्र के माध्यम से कहा गया कि नामांकन प्रक्रिया के बीच में छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को बंद कर दिया जाना एक प्रकार से आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के छात्रों के आगे की पढ़ाई को बंद कर देने के समान है। झारखंड के अधिकांश छात्र इसी छात्रवृत्ति के भरोसे अपने उच्च शिक्षा को पाने का स्वप्न देखते हैं। ऐसे में यदि छात्रों को छात्रवृत्ति आवेदन का अवसर नहीं मिलता है। तो झारखंड में भविष्य के बनने वाले शिक्षक इतिहास बनकर रह जाएंगे। ऐसे में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अविलंब छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को चालू किया जाना चाहिए तथा कोविड-19 के कारण जब सभी परिवार आर्थिक दंश झेल रहे हैं, वैसे में शिक्षण संस्थानों के बीएड प्रोफेशनल, वोकेशनल तथा अन्य सभी पाठ्यक्रमों के शुल्क में रियायत कर* छात्रों को सहूलियत प्रदान किया जाना चाहिए।छात्र लंबे समय से विभिन्न माध्यमों से आंदोलन को चला रहे हैं,यदि इसके पश्चात भी छात्रों के हित में निर्णय नहीं लिया जाता है। तो वह सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे मांग पत्र सौंपने वालों में झारखंड प्रदेश कोषाध्यक्ष सोहन महतो , राज्य कमिटी सदस्य अमित साव, एवं रामदास मुर्मू उपस्थित थे।