रांची, जमशेदपुर, धनबाद में बढ़ती रिकवरी के बीच कोरोना से ठीक हुए लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा.

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जमशेदपुर: कोरोना से दूसरी लहर में झारखंड में बढ़ते रिकवरी रेट के बीच एक नई चिंता सामने आई है। कोरोना ठीक हुए मरीजों के दिल का दुश्मन बनता जा रहा है। रांची, जमशेदपुर और धनबाद में ऐसे संक्रमितों की मौतें सामने आई हैं, जो ठीक हो चुके थे। आंकड़ों के अनुसार, इन तीन जिलों में अप्रैल में ठीक होकर घर लौटे 104 लोगों की मौत कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) से हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें ठीक हुए मरीजों का ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर रहा।

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शरीर के दूसरे अंगों पर भी असर पड़ रहा है। ऑक्सीजन लेवल कम होने से हार्ट फेल हो रहा। दैनिक भास्कर ने रिम्स, रांची सदर अस्पताल, एमजीएम जमशेदपुर, टाटा मोटर्स हॉस्पिटल और धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में होने वाली हार्ट अटैक से मौतों की पड़ताल की तो यह पाया गया कि छाती में संक्रमण के अलावा ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) कोरोना से मौत की एक बड़ी वजह है। रिम्स समेत रांची के प्रमुख अस्पतालों में मई माह के इन 10 दिनों में पोस्ट कोविड के ऐसे लगभग 35 मामले आए हैं, जिन्हें हार्ट की समस्या हुई है। इनमें से करीब सात लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

कार्डियोलॉजिस्टों के अनुसार ऐसी परेशानियां उन्हीं मरीजों को आ रही हैं, जिन्हें कोविड के दौरान कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़ा था.कोविड के सामान्य मरीजों में ऐसी कोई दिक्कत अभी तक नहीं मिली है.

स्वस्थ हो रहे मरीजों में हार्ट अटैक से पहले के लक्षण

  • सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है.
  • सीने में जकड़न के साथ दर्द व काफी कमजोरी और थकावट.
  • पंजे, एड़ी या पैर में सूजन आ जाता है, धड़कन काफी तेज और अनियमित.
  • लगातार खांसी, भूख नहीं लगती, बार-बार पेशाब लगता है.
  • शरीर में ऑक्सीजन की मात्र ऊपर-नीचे होना.

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