पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई

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दिल्ली / बिहार (संवाददाता ):- राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई. बिहार के सिवान संसदीय सीट से सांसद रह चुके शहाबुद्दीन ने दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में अंतिम सांस ली. बता दें कि शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे. इसी बीच वो कोरोना संक्रमित हुए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. तिहाड़ जेल के आईजी ने खुद इस बात की पुष्टि की है. बता दें कि सुबह से ही बाहुबली नेता की मौत की खबरों पर संशय बना हुआ था. इसी बीच तिहाड़ जेल के आईजी संदीप गोयल ने आरजेडी पूर्व सांसद की मौत की खबरों को सच बताया है. हालांकि, सुबह उन्होंने खुद ही इस बात को गलत बताया था.

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तेजस्वी ने ट्वीट कर कही ये बात

शहाबुद्दीन की मौत पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ” पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है. ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है.”

इधर, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सरकार को शहाबुद्दीन के मौत का जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ” सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ें..! जनता के सेवक अब नहीं रहे.! अल्लाह इनको जन्नत में आला से आला मुकाम दें..!!” केवल विपक्ष ही नहीं बिहार एनडीए का हिस्सा हम पार्टी के नेता ने भी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. हम नेता दानिश रिजवान ने कहा, ” शहाबुद्दीन साहब की मौत के लिए सरकार ज़िम्मेदार है. अगर उनका ठीक से इलाज हुआ होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी, उनके परिवार के साथ जुल्म हुआ है. मुस्लिम समाज ये कभी नहीं भूलेगा.”

पिछले महीने 21 अप्रैल को हुए थे भर्ती

शाहबुद्दीन पर हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज थे. गैंगस्टर तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन को पिछले महीने 21 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती किया गया था. बता दें कि हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था.

2004 के दोहरे हत्याकांड में मिली थी सजा

गौरतलब है कि साल 2004 में दो भाइयों की हत्या मामले में शाहबुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. फिरौती की रकम न चुकाने पर शाहबुद्दीन और उसके गुर्गों ने दोनों भाइयों की हत्या कर दी थी. सिवान जिले का यह बाहुबली राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करीबी रहा.ज्ञात हो कि बिहार में एक वक्त था जब उनकी निजी सेना चलती थी. शहाबुद्दीन पर पुलिसवालों, पत्रकारों, जज, वकील सबकी हत्या करने का आरोप थे. लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उनका जलवा ऐसा था कि कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करता था और पुलिसवालों को भी उनसे डर ही था. उनके दुश्मन भी काफी थे. जिसको गोलियां या कानून कुछ नहीं कर सका उसको कोरोना ने मात दे दी

1989 को जमशेदपुर के जुगसलाई गोलचक्कर में तीन लोगों को मार दिया गया था, शहाबुद्दीन थे आरोपी, 2017 में हुए थे बरी

02 फरवरी 1989 की शाम 7.30 बजे जुगसलाई में तत्कालीन युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा, जनार्दन चौबे और आनंद राव की गोली मारकर हत्या की गई थी. प्रदीप मिश्रा के अंगरक्षक ब्रह्मेश्वर पाठक ने केस दर्ज कराया था. इसमें शहाबुद्दीन, रामा सिंह, साहेब सिंह, कल्लू सिंह व पारस सिंह समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को तिहरे हत्याकांड में जमशेदपुर के एडीजे 4 अजीत कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को बरी कर दिया था. शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश किया गया. दस मिनट तक वह कोर्ट में ऑनलाइन मौजूद थे. तीन लोगों की हत्या के इस मामले में अदालत में कुल नौ गवाह पेश हुए थे. कोर्ट ने इस मामले में रामा सिंह समेत अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया था लेकिन शहाबुद्दीन के पेश न होने के कारण उनके खिलाफ मामला लंबित रह गया था. इसी मामले के आरोपी साहेब सिंह को बिहार के रोहतास में पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था, जबकि वीरेंद्र सिंह की उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हत्या हो चुकी थी.

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