तीन वर्ष बाद भी सभी उपभोक्ताओं का नहीं लगा स्मार्ट बिजली मीटर,सरकार के निर्देश का अनुपालन करने में बिजली विभाग रही विफल
बिक्रमगंज /रोहतास (संवाददाता ):- बिजली बिल की गड़बड़ी दूर करने और बिजली चोरी को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बदले सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के सरकार के निर्देश का अनुपालन बिजली विभाग नहीं कर पाई है । तीन वर्ष से अधिक समय बितने के बाद भी प्रतिष्ठानों में और घरेलु उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा सका है । गौरतलब हो कि वर्ष 2018 में बिहार सरकार ने बिजली बिल में गड़बड़ी को दूर करने और बिजली की चोरी रोकने के उदेश्य से बिजली विभाग को सभी घरों, सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में इलेक्टॉनिक मीटर के बदले स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का निर्देश दिया था । जिसका अनुपालन करने में विभाग विफल रही है। स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद बिजली की खपत और बिल भुगतान का आकलन आसानी से किया जा सकता है । बिजली बिल में किसी प्रकार की गड़गड़ी की संभावना नहीं होगी । बिजली की चोरी पर काफी हद तक अंकुश् लगाया जा सकेगा । जिससे वैध उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली मिल सकेगी । इस मीटर से किसी प्रकार के छेड़छाड़ करने पर उसे ऑनलाईन देखा जा सकता है । पहले चरण में शहरी इलाकों में तथा दूसरे चरण में ग्रामीण इलाके में स्मार्ट मीटर लगाना था । ग्रामीण इलाकों को कौन कहे बिक्रमगंज नगर परिषद में कहीं भी स्मार्ट बिजली मीटर नहीं लगाया जा सका है । आम उपभोक्ता बिजली बिल में गड़बड़ी से जहां परेशान है , वहीं बिजली की चोरी से वैध उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। उपभोक्ता बताते है कि इलेक्ट्रॉनिक मीटर में भारी गड़बड़ी है । किसी माह बिजली का बिल सैकड़ा में तो किसी माह हजारों में आता है, जबकि खपत में कोई अंतर नहीं होता है। बिजली बिल की गड़बड़ी दूर करने के लिए विभागीय अधिकारी से शिकायत करने पर वे निपटारा करने के बजाए बिल जमा करने का दबाव बनाते है। कुछ उपभोक्ताओं का आरोप है कि विभागीय अधिकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने में बाधा बने हुए है। वे नहीं चाहते है कि लोगों का बिजली बिल की गड़बड़ी दूर हो। क्योंकि गड़बड़ी दूर करने और चोरी से बिजली जलाने के बदले अधिकारियों और कर्मियों का जेब जो गरम होता है वह बंद हो जाएगा। इस संबंध में पूछे जाने पर सहायक अभियंता (बिजली) संतन कुमार कौशल बताते है कि अभी तक स्मार्ट मीटर उपलब्ध नहीं कराया गया है। कुछ मीटर आये थे, जिसे नल जल योजना के लिए बनाये गये पानी टंकी में लगाया गया है ।