अप्रैल के प्रारंभ में ही पड़ रही है मध्य जून माह जैसी गर्मी,सब्जी के साथ अन्य गर्मा फसल भी हो सकते है प्रभावित
बिक्रमगंज /रोहतास (संवाददाता ):- अप्रैल माह के प्रारंभ में ही मध्य जून की तरह गर्मी पड़ने का अनुमान किया जा रहा है कि इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ सकती है । पिछले 4 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते बुधवार और गुरूवार सबसे ज्यादा गर्म रहे । पिछले वर्ष यानि 2020 में 2 अप्रैल को अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आसपास था, जबकि 2021 में गुरूवार और शुक्रवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 2019 की 2 अप्रैल को भी तापमान 32 डिग्री था, वर्ष 2018 और 2017 में भी अधिकतम तापमान इस वर्ष की अपेक्षा काफी कम रहा । जबकि पिछले चार साल से न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहा है, जबकि मौजूदा 2 अप्रैल को 23 डिग्री दर्ज किया गया है। 2017 में 1 जून को 37 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया था। आने वाले चार दिनों तक मौसम इसी तरह गर्म रहेगा। इससे पहले मौसम विभाग ने शुक्रवार को बारिश की संभावना जताई थी, पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कमजोर पड़ने से बारिश टल गई ।
हेल्थ अलर्ट : गर्मी में नींबू पानी कारगर : डॉ धीरेंद्र नारायण व डॉ अरुण कुमार
जब इसकी जानकारी डॉ धीरेंद्र नारायण और डॉ अरुण कुमार से ली गई तो उन्होंने बताया कि धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए । घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें । तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए । गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो । पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू और डायरिया का खतरा कम रहता है । गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए ।
20 को बूंदाबांदी और इस महीने के अंत तक 45 डिग्री पहुंच सकता है पारा
मौसम विभाग के निदेशक विवेक कुमार सिन्हा के मुताबिक 20 अप्रैल को वीक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बन सकता है । जिस कारण कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है और बादल छाए रहने का अनुमान है। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट भी दर्ज होगी। संभावना है कि इस महीने के अंत तक तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाएगा। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक देरी से गेहूं की बोआई करने वाले किसानों के लिए ये गर्म दिन काफी फायदेमंद साबित रहेंगे । खेतों में अभी भी 60 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की कटाई होनी बाकी है। लेकिन सब्जी और अन्य गर्मा फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है ।