22 दिसंबर 1964: पम्बन रेल ब्रिज पर हुई भयावह ट्रेन दुर्घटना, जब समंदर में समा गई पूरी ट्रेन

0

AI generated pic

Advertisements
Advertisements

भारत में ट्रेन यात्रा का इतिहास गौरव और उपलब्धियों से भरा है, लेकिन इसमें ऐसी दर्दनाक दुर्घटनाएं भी शामिल हैं, जो दशकों बाद भी लोगों की यादों में जिंदा हैं। ऐसी ही एक हृदयविदारक घटना दक्षिण भारत के तमिलनाडु में पम्बन रेल ब्रिज पर 22 दिसंबर 1964 की रात हुई। इस दुर्घटना में एक पूरी ट्रेन, जिसमें लगभग 200 यात्री और 5 रेलकर्मी सवार थे, समुद्र में समा गई।

Advertisements
Advertisements

भयंकर चक्रवात और विनाशकारी हादसा

घटना उस समय की है, जब तमिलनाडु के रामेश्वरम और मदुरै के बीच पम्बन रेल ब्रिज से होकर ट्रेन गुजर रही थी। उसी दौरान एक भयानक चक्रवात ने तबाही मचाई। शक्तिशाली समुद्री लहरों और तूफानी हवाओं ने पुल का हिस्सा तोड़ दिया। ट्रेन, जो पुल पर थी, समुद्र में गिर गई। इस भीषण हादसे में किसी भी यात्री या रेलकर्मी की जान नहीं बच पाई।

पूरे देश को हिला देने वाली त्रासदी

यह दुर्घटना देश के रेल इतिहास की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक है। हादसे के बाद रामेश्वरम के पास के इलाकों में शोक का माहौल था, और यह घटना देशभर में सुर्खियों में छा गई। मृतकों के परिवारों को गहरा आघात पहुंचा और हादसे ने रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

पम्बन ब्रिज: हादसे से सबक और पुनर्निर्माण

इस हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने समुद्री पुलों की संरचनात्मक मजबूती और सुरक्षा उपायों को लेकर व्यापक कदम उठाए। पम्बन ब्रिज को नए सिरे से तैयार किया गया और वर्तमान में यह एक वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज के रूप में खड़ा है, जो समुद्री पुलों की नई तकनीक और संरचना का प्रतीक है।

See also  दिलीप घोष 61 वर्ष की उम्र में बंधेंगे विवाह बंधन में, साथी बनीं भाजपा नेत्री रिंकू मजूमदार...

इतिहास का एक काला अध्याय

यह दुर्घटना आज भी उन यात्रियों और रेलकर्मियों की याद दिलाती है, जो इस भीषण त्रासदी का शिकार हुए। यह घटना रेल सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ तैयारियों की आवश्यकता का एक कड़ा सबक है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।

Thanks for your Feedback!

You may have missed