शारीरिक एवं मानसिक विकृतियों के निराकरण का आधार है योग दर्शन – डॉ० आभा झा

0
Advertisements
Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर:- जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में 75 दिन के आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस निमित्त महाविद्यालय के अलग-अलग विभागों द्वारा विभिन्न विषयों-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों को लेकर निरंतर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आज इस महाविद्यालय के संस्कृत एवं दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से सप्तदिवसीय व्याख्यान माला श्रृंखला के 36वीं कड़ी में “योग दर्शन भारत वर्ष की अमूल्य विरासत विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक, डॉ० आभा झा ने संबोधित किया। उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि “भारत के दार्शनिक चिंतन का लक्ष्य है आत्मसाक्षात्कार । आत्मतत्त्व का श्रवण, मनन, निदिध्यासन ही दर्शन है। बिना चित्त की शुद्धता के तत्त्व ज्ञान की उपलब्धि संभव नहीं है चित्त की शुद्धि योग के द्वारा हो सकती है। आधुनिक समाज और मानव की समस्त समस्याओं का समाधान योग दर्शन में देखा जा सकता है। कॉलेज के प्राचार्य एवं कोल्हान विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष, डॉ० सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला का उद्घाटन करते हुए सभी का स्वागत किया एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की संयोजिका दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ० अर्चना कुमारी गुप्ता ने मंच का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ० लाडली कुमारी ने किया। इस अवसर पर वर्कर्स कॉलेज के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं के साथ अन्य महाविद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।

Advertisements
Advertisements

Thanks for your Feedback!

You may have missed