World Rabies Day 2021: जानें कैसे फैलता है रेबीज, और क्या है बचाव!
World Rabies Day 2021: हर साल 28 सितंबर को रेबीज और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य बीमारी के बारे में ज्ञान को बढ़ाना है ताकि लोग इससे सुरक्षित रह सके. इसे कई देशों में मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एशिया और अफ्रीका में होने वाली 95% से अधिक लोगों की मृत्यु के कारणों में रेबीज को पाया गया हैं. बच्चे कुत्ते के काटने के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, इसलिए उन्हें रेबीज से संक्रमित होने का ख़तरा अधिक होता है. यह अनुमान लगाया गया है, कि पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में से दस में चार की मृत्यु रेबीस के कारण होती हैं. रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत में हर साल तकरीबन 20,000 रेबीज से मौतें होती हैं.
रेबीज लायसावायरस के कारण होने वाला वायरल रोग है. यह वायरस घाव व खरोंच या संक्रमित जानवर की श्लैष्मिक (जैसे कि काटने) के सीधे संपर्क में आने के माध्यम से पशुओं द्वारा मनुष्यों में फैलता है. यह चोट व घाव या मानव शरीर की सतह छुने के माध्यम से नहीं फैलता हैं. यह वायरस, मानव त्वचा या मांसपेशियों के संपर्क में आने के बाद रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की ओर प्रसारित हो जाता हैं. इस वायरस के मस्तिष्क में पहुँचने के बाद, इसके लक्षण और संकेत संक्रमित व्यक्ति में दिखाई देने लगते हैं.रेबीज के बारें में बच्चों को ज्यादा जागरूक करना चाहिए क्योंकि बच्चे ही इसके जादा शिकार होते है.
रेबीज से संक्रमित व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं,
- घाव वाले स्थान पर दर्द या खुजली होना।
- बुख़ार।
- दो-चार दिन के लिए स्थायी सिरदर्द होना।
- (हाइड्रफोबिया) (पानी से भय होना)।
- उज्ज्वल प्रकाश या शोर को बर्दाश (असहिष्णुता होना) करने में असमर्थ होना।
- मतिभ्रम (हलूसनेशन)।
- व्यवहार में परिवर्तन।
- अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण करवाएं।
रेबीज को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरणों का पालन किया जाना चाहिए,
- घरेलु कुत्तों के साथ-साथ आवारा कुत्तों का भी टीकाकरण अवश्य किया जाना चाहिए।
- कुछ व्यक्तियों जैसे कि कुत्ता पकड़ने वालों, रेबीज रोगियों के सीधे संपर्क में आने वाले मेडिकल और पैरामेडिकल कर्मचारियों या पशुओं, सड़क पर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक समय व्यतीत करने वाले यात्रियों को रेबीज से संक्रमित होने का ख़तरा अधिक होता हैं, इसलिए इस वर्ग में आने वाले सभी व्यक्तियों को स्वयं का प्रतिरक्षित करवाना चाहिए।
- जानवर के काटने पर, एंटी-रेबीज वैक्सीन के लिए तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।