पश्चिम सिंहभूम की महिलाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं: राज्यपाल

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चाईबासा: माननीय राज्यपाल श्री सी.पी.राधाकृष्णन ने आज पश्चिमी सिंहभूम जिला के सदर प्रखंड के मटकमहातु ग्राम में ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के सुदूरवर्ती ग्रामों के दौरा के क्रम में यह देखा है कि यहाँ की महिलाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं। वे घर कि चाहरदिवारी से बाहर निकाल कर स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर हैं। अब वे अपना व्यवसाय कर रही है और उन्हें पैसों के लेनदेन से भय नहीं लगता है। वे अपना निर्णय स्वयं ले रही हैं और अपना एवं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं।

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राज्यपाल महोदय ने संवाद के क्रम में आंगनबाड़ी की चर्चा होने पर कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अंडा और दूध देने के संबंध में उपायुक्त से चर्चा की है। इससे बच्चों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को गाय एवं मुर्गियाँ दी जाती हैं। गौपालक आंगनबाड़ी को दूध आपूर्ति कर सकते है एवं मुर्गीपालक अंडा, इससे उनकी आय में वृद्धि होगी ही एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों की पोषण विकसित होगा।
राज्यपाल महोदय ने अपने संस्मरण को साझा करते हुये कहा कि एक प्रदर्शनी में उन्होंने 1000 से अधिक प्रजाति के आमों को देखा था। जापान में विशेष प्रकृति के एक आम का कीमत 40000 एवं भारत में 1000 होता है। यदि हम झारखंड में भी इस तरह का आम उगा सके तो यहाँ विकास कि एक नई गाथा लिखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और वहाँ इसकी संभावना तलाशेंगे।
राज्यपाल महोदय ने वह उपस्थित जनसमूह को कहा कि अपनी जमीन से होने वाली आय एवं बैंक अकाउंट का उपयोग बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अवश्य करें और उन्हे ड्रॉप आउट नहीं होने दें। सरकार भी इसके लिए प्रयत्नशील है। उन्होने कहा कि चाईबासा जिला झारखंड का एकमात्र ऐसा जिला है जहां के सभी प्रखड़ों में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अथक परिश्रम से आज भारत विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बन गया है। जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यववस्था बढ़ेगी, वैसे-वैसे निश्चित रूप से लोगों का जीवनस्तर भी बढ़ेगा। उक्त अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय ने लाभुकों के मध्य परिसंपतियों का वितरण भी किया।

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संवाद के क्रम में वहाँ कि मुखिया ने गाँव में किए जा रहे विकास कार्यों के सन्दर्भ में अवगत कराया। मुखिया के द्वारा केज कल्चर से मछ्ली पालन योजना के बारे में बताया गया। यह भी बताया गया कि पहले रोजगार के लिए लोग यहाँ से पलायन करते थे पर अब यहाँ का 52 परिवार मछ्ली पालन से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रहा है। राज्यपाल महोदय ने कहा कि एक सशक्त एवं कर्मयोगी मुखिया के होने से गाँव कि बहुत सारी समस्याओं का समाधान वहीं हो जाता है साथ ही प्रशासन के अधिकारियों को भी योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होती है। उन्होंने कहा कि बंद पड़े खदानों को तालाब में परिणत कर मछ्लीपालन की यहाँ व्यापक संभावनाएं है और इसके लिए वे माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री एल. मुरूगन को यहाँ आने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि नई योजनाएँ बनाई जा सके और उसके वित्त पोषण भी किया जा सके।

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