ये कैसी पत्रकारिता, जहां हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाया अपराधी का किया गया महिमा मंडन और गिरफ्तार आरोपियों की खबर गायब! आने वाले अंक में बताएंगे आखिर सन्नी सिंह अपराध की दुनिया में कैसे रखा कदम?? परत दर परत दलाल पत्रकारों की भी खुलेगी पोल…
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आदित्यपुर: ये कैसी पत्रकारिता…. जहां अंतरजिला बदमाश जिसे हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा हो चुकी है उसे समाजसेवी बनाकर किया गया महिमा मंडन और गिरफ्तार बदमाश की खबर गायब! लोक आलोक के प्रिय पाठक हम बात कर रहे है बीती गुरुवार की रात मोक्ष फेज 2 के केयरटेकर राकेश सिंह पर जानलेवा हमला कर अपहरण करनेवाले तीन बदमाशों की खबर के बारे में…… जिम्मेवार मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। लेकिन शार्प भारत , इंडिया न्यूज वायरल (वेब पोर्टल) , अंतर्कथा (वेब पोर्टल ), VASamachar ( वेब पोर्टल) समेत कई ऐसे सोशल मीडिया (वेव पोर्टल) के प्लेटफार्म से यह खबर गायब मिला, जबकि एक अपराधी जिसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास हो चुकी है, जिसपर बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर और सरायकेला जिला के थानों में हत्या आर्म्स एक्ट समेत कई संगीन मामले दर्ज है उस सन्नी सिंह को समाजसेवी प्रस्तुत कर उसका महिमा मंडन किया गया। दूसरी ओर एक ऐसा पत्रकार.. जिसका मूल पत्रकारिता ही है उसे बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया। सन्नी सिंह एक अपराधी है और उसे चंदन सिंह हत्याकांड में उम्र कैद हो चुकी है, कई अपराधिक मामले कोर्ट में चल रहा है, जमानत पर बाहर रहने का मतलब ये नहीं की एक अपराधी को महर्षि बाल्मीकि का दर्जा दे दिया जाए, अब तो बलरामपुर, सतबाहनी से लेकर गम्हरिया तक इनके सताए कई लोग लोक आलोक न्यूज से संपर्क कर इनकी करतूतों को उजागर करना शुरू कर दिया है, जिस आजसू पार्टी का युवा जिला अध्यक्ष का तगमा लेकर घूम रहा है उसी पार्टी के मुखिया सुदेश महतो के समाज के लोगो की जमीनों को कब्जाने का इसपर आरोप लग रहा है, जिसका खुलासा अगले अंक में तथ्यों के साथ लोक आलोक करेगी। बता दें की कुख्यात सन्नी सिंह केवल समाजसेवी का चोला ओढ़ा है जबकि इसके अपराधिक गतिविधि आज भी बदस्तूर जारी है, क्या सरकारी / वन विभाग की जमीन को कब्जा कर बेचना अपराध नहीं है…किसी के कब्जे की जमीन को लूटना क्या अपराध नहीं है। सन्नी सिंह पर पिछले साल भी ममता देवी नामक महिला से डेढ़ लाख रुपए की रंगदारी मांगी का आरोप लगा था,इस मामले की प्राथमिकी गम्हरिया थाना में दर्ज है। अभी लगातार लोक आलोक इनके अपराध की कलंक कथा अभियान के तहत आपके समक्ष उजागर करने जा रहा है। इधर सूत्रों की माने तो राकेश सिंह पर हुए हमला और अपहरण मामले में भी इस अपराधी का नाम सामने आ रहा है। क्योंकि जेल भेजा गया जसवीर सिंह इसका रिश्तेदार है और सन्नी सिंह की सरपरस्ती में बिल्डर के केयरटेकर के साथ मारपीट और अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था। सूत्रों की माने तो पूर्व में भी बिल्डर दीपक रंजन के साथ ये लोग फोन पर गाली गलौज की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद से ही राकेश सिंह को ये लोग निशाने पर ले रखा था.. हमारे पास राकेश सिंह का जो ऑडियो बयान है उसमे उसने साफ कहा है की उसको जान मारने की योजना थी। रात भर गाड़ी में घुमाकर बोल रहा था की अगर तुम मर जाओगे तो तुम्हे दफना देंगे।
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पुलिस ने जारी किया था प्रेस रिलीज, फिर भी न्यूज गायब –
गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेजे जाने का प्रेस रिलीज आदित्यपुर पुलिस द्वारा आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप कर शेयर किया गया था, जिम्मेवार मीडिया संस्थानों ने खबर बनाकर अपनी ड्यूटी निभाई, लेकिन कथित वेव पोर्टल ने खबर तक नहीं बनाया। इस कृत्य से आप समझ सकते है की इनकी मंशा पत्रकारिता धर्म का अनुपालन करना नहीं बल्कि पत्रकार का चोला ओढ़कर सन्नी सिंह जैसे अपराधी, और अवैध कारोबारी को संरक्षण देना है।
लोक आलोक न्यूज के अगले अंक में बताएंगे कि आखिर कैसे एक कुख्यात उम्रकैद सजा पा चुका अपराधी जेल से छूटकर बलरामपुर, सतबहनी..धीराजगंज… जमालपुर के इलाकों में सरकारी जमीन का बना लुटेरा। कैसे इसके इशारों पर इसके पिता करवाते थे कारोबारियों से रंगदारी की वसूली, कैसे आईपीएस राकेश बंसल के खौफ से शहर छोड़ दुम दबाकर हो गया था फरार… कब और किस आरोप में सात थानों की पुलिस सन्नी के घर का चौखट और खिड़की तक उखाड़ किया था जब्त।
लोक आलोक न्यूज अपने पाठकों से वादा करता है कि आने वाले अंक में अपने पाठकों के लिए हम वैसे पत्रकारों की भी कुंडली का राज खोलेंगे जो पत्रकारिता की आड़ में दलाली करते है। लोक आलोक न्यूज के पास वैसे दलाली करने वाले लोगो की लंबी लिस्ट है जो गिरोह के रूप में काम कर रहे है। और उनके कई काले किस्सो के प्रमाण भी मौजूद है।
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