कल्पना सोरेन को लेकर झामुमो के भीतरखाने में क्या हो रही है गुफ्त-गू…

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झारखंड :–कल्पना सोरेन ने गांडेय चुनाव जीतकर यह साबित कर दिया है कि वह किसी से भी कम नहीं हैं. अगर वह चुनाव हार जातीं तब शायद उन्हें राजनीति के आसमान में चमकने में दशकों का समय लग जाता, लेकिन उन्होंने जिस तरह की पारी खेली है उससे यह साफ लग रहा है कि वह झारखंड में अच्छी पारी खेल सकती हैं और झामुमो को नेतृत्व भी दे सकती हैं. अब कल्पना को लेकर झामुमो के भीतरखाने में किस तरह की गूफ्त-गू चल रही है. यह बात ही लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

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सीएम को लेकर नहीं हो रही है चर्चा

कल्पना सोरेन ने जब पति हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद राजनीति में कदम रखा था तब इस बाच की चर्चा जोरों पर हो रही थी कि गांडेय चुनाव जीतने के बाद वह झारखंड का सीएम बन सकती हैं. अब इस बात की चर्चा नहीं हो रही है. अब ऐसा कहा जा रहा है कि कल्पना सोरेन दूर की सोच रही हैं. छह माह के लिए सीएम नहीं बनना चाह रही हैं.

सीएम बनने से हो सकता है विवाद

कल्पना सोरेन को अगर मात्र छह माह के लिए भी सीएम बना दिया जाता है तो झामुमो में विवाद उत्पन्न हो सकता है. भले ही चंपाई सोरेन में नेतृत्व करने की छमता नहीं है, लेकिन वे झामुमो के पुराने नेता हैं और शिबू सोरेन के बेहद करीबी भी हैं. हो सकता है उनकी कुर्सी छिन जाने के बाद झामुमो कहीं दो गुटों नहीं बंट जाए. ऐसा पूर्व में भी हो चुका है. पूर्व में कृष्णा मार्डी ने अपनी अलग गुट बनाया था और चारो खाने चित भी हो गए थे.

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