जमशेदपुर में बनी फिल्म सारंग: रिलीज़ होते ही 2000 लोगों ने देखा

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फिल्म सारंग में देखें जमशेदपुर शहर, सफ़र और प्यार की कहानी

जमशेदपुर : प्यार में लड़के सोचते हैं की लड़कियां बिना कहे बात समझ जाएं और लड़कियों की झिझक है की लड़के पहले कुछ बोले. प्यार की कही कहानियां इस बिंदू पर आकर ठहर जाती हैं और इसके आगे प्यार का अंजाम क्या होगा ये इस बात पर निर्भर करता है की हम कब अपनी झिझक छोड़कर आगे बढ़ने की हिम्मत करते हैं. इसी सन्दर्भ में किसी लेखक ने लिखा है “ कई बार मीलों का सफ़र बस एक कदम से शुरु होता है”. जमशेदपुर शहर के युवा फिल्मकारों के द्वारा बनायीं गयी नयी फिल्म इसी फ़लसफ़ा को बयान करने वाली है.  शॉर्ट स्टाफ के बैनर तले बनी फिल्म सारंग 17 अगस्त को पॉकेट फिल्म के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो चुकी है.[ इस लिंक पर क्लिक करके फिल्म देखा जा सकता है]     https://www.youtube.com/watch?v=iR8jKqwjrzw    रिलीज़ होने के साथ ही फिल्म को 2000 से ज्यादा बार देखा जा चूका है जो इस फिल्म की लोकप्रियता को दर्शाता है. युवा फिल्म मेकर एवी अभिषेक के निर्देशन में बनी फिल्म सारंग की शूटिंग पिछले वर्ष जनवरी में जमशेदपुर के विभिन्न स्थानों पर की गयी थी जिसे अब ऑनलाइन रिलीज़ किया गया है. फिल्म में शहर के कई कलाकारों ने काम किया है. तारकेश्वर प्रसाद, आस्था गुंजन, समीर, अविनाश मिश्रा, मोनिका साहू, प्रतिभा बनर्जी, और प्रेम शर्मा मुख्य भूमिका में हैं. अमन कुमार रोहन कुमार एनी पुष्पा प्रसन्ना और पंकज अग्रवाल फिल्म के अन्य कलाकार हैं.

                                                   

आपको बता दें कि इससे पहले अभिषेक के निर्देशन में मत्सर  फिल्म बन चुकी है, जिसे भारत सहित 52 देशों में रिलीज किया गया था. इस फिल्म को हिंदी, अंग्रेजी और तमिल भाषा में ऑटीटी प्लेटफार्म जेम्प्लेक्स पर देखा जा सकता है. सारंग की कहानी एक ‘ट्रेवल जर्नी’ पर आधारित है. इसमें हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में घटने वाली कई घटनाओं में से एक घटना को दिखाया गया है. फिल्म  आशा और उम्मीद की कहानी है. दर्शक स्क्रीन पर संबंधों में लगाव और आकर्षण को देखकर उसे खुद में महसूस कर सकते हैं. बड़े बजट में बनी इस फिल्म की शूटिंग शहर के कई इलाकों में हुई है. बिष्टुपुर, साकची, परसुडीह, पटमदा, नरवा आदि जगहों की भौगोलिक खूबसूरती फिल्म के रोमांच को बढ़ाने वाली है. फिल्म को शहर के युवा लेखक प्रीतम कुमार ने लिखा है और विश्वजीत कुमार फिल्म के डीओपी हैं.

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