क्‍या ‘सरकारी नौकरी’ न होना भी बना कारण UP में बीजेपी की हार का , विभागों में लगभग 10 लाख पद खाली…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल यूं तो कई मुद्दों को लेकर सरकार पर आक्रामक रहे लेकिन इसमें युवाओं की सरकारी नौकरी का मामला भी काफी चर्चा में रहा. अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपी में बीजेपी की कम हुई सीटों के पीछे सरकारी नौकरी का मुद्दा भी एक प्रमुख कारण रहा.

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उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी लोकसभा चुनाव में उम्‍मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. यूपी में बीजेपी को 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. इसके अलग-अलग कारणों की पड़ताल की जा रही है, जिसमें एक कारण सरकारी नौकरी को भी बताया जा रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में नौकरियों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पिछले साल जुलाई मे बताया था कि एक मार्च 2022 तक केंद्र सरकार में लगभग 9 लाख 64 हजार 359 पद खाली थे. इसमें सबसे अधिक पद रेलवे में खाली बताए गए. हालांकि उस समय केंद्रीय कार्मिक राज्‍य मंत्री जितेन्‍द्र सिंह ने यह भी बताया था कि केंद्र सरकार की ओर से इसे मिशन मोड में भरा जा रहा है.

चुनाव में छाया रहा नौकरी का मुद्दा

समजावादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी कई चुनावी जनसभाओं में नौकरी का मुद्दा उठाकर युवाओं को लुभाने का काम किया. उन्‍होंने यहां तक कह दिया कि यह सरकार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती. उन्‍होंने सरकार पर आरोप लगाए कि सरकार की नीयत नौकरी देने की नहीं, बल्कि भर्ती विज्ञापन निकालकर दिखावा करने का है. अखिलेश ने चुनावी सभाओं में यह भी कहा कि भर्ती विज्ञापन के बाद युवा अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर फॉर्म भरता है, तैयारी करता है और जब पेपर देने जाता है, तो पता चलता है कि पेपर लीक हो जाता है.

अखिलेश ने कई जगहों पर कहा कि भाजपा सरकार में न नौकरी है, न रोजगार है. लाखों की संख्‍या में पढ़ा लिखा युवा बेरोजगार है. इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सरकारी नौकरी के मसले पर चुनाव भर काफी हमलावर रहे. राहुल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यह तक लिखा कि भाजपा का मतलब बेरोजगारी पक्‍की. राहुल ने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान युवाओं को साधने के लिए 30 लाख सरकारी नौकरियों का वादा भी किया. इसके अलावा उन्‍होंने कॉलेज खत्‍म होने के बाद एक लाख रुपये की अप्रेंटिसशिप की भी घोषणा की. ऐसा माना जा रहा है कि यूपी में बार-बार अखिलेश और राहुल के नौकरी का मुद्दा बनाने का असर भी युवाओं पर पड़ा है, जिससे बीजेपी का राजनीतिक समीकरण प्रभावित हुआ है.

केंद्र सरकार ने कितनी दी नौकरियां

26 जुलाई 2023 को केंद्रीय मंत्री जितेन्‍द्र सिंह ने सरकारी नौकरियों के प्रश्‍न पर लोकसभा में बताया था कि एक मार्च 2022 तक केंद्र सरकार के विभागों में 9 लाख 64 हजार से अधिक पद खाली हैं और इन्‍हें भरा जा रहा है. सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक कुल 4 लाख 63 हजार 205 उम्‍मीदवारों को नौकरियां दी गईं. ये भर्तियां यूपीएससी एसएससी और आरआरबी में हुईं.

कहां कितनी भर्तियां

सरकार की ओर से राज्‍यसभा में दिए गए एक जवाब में बताया गया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस के 1365 पद रिक्‍त हैं. वहीं भारतीय पुलिस सेवा के 703 पद खाली हैं. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने लिखित उत्‍तर में बताया था कि भारतीय वन सेवा में 1042 और भारतीय राजस्‍व सेवा में 301 पद खाली हैं. इसी तरह सरकार की ओर से राज्‍यसभा में सूचना दी गई थी कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस में 1,14,245 पद खाली हैं. एक जुलाई 2023 तक रेलवे में 2.63 लाख पदों के खाली होने की सूचना दी गई थी. सरकार ने यह भी बताया था कि इसके लिए लगभग 2.37 करोड़ ने कंप्‍यूटर आधारित टेस्‍ट सीबीटी भी दिया है, जिसमें से लगभग एक लाख 39 हजार से अधिक उम्‍मीदवारों को फाइनल भी कर लिया गया था.

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