जमशेदपुर पहुंचे उमेश जाधव का जोड़ी राइडर्स ने किया स्वागत, पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के मिशन में यात्रा कर रहे है उमेश जाधव
जमशेदपुर (संवाददाता ):- पुलवामा आतंकी हमले के बाद से बेंगलुरु के उमेश गोपीनाथ जाधव पूरे भारत में यात्रा करने निकले है, जो की गुरुवार 10 नवंबर की दोपहर जमशेदपुर पहुंचे. एनएच-33 पर गोपीनाथ जाधव का बाइक राइडर्स क्लब जोड़ी राइडर्स के परमदीप सिंह पिंकी, जगदीप सिंह, बिनोद प्रसाद, विशाल शर्मा, जगतार सिंह नागी, सुनील नंदी और सुजीत कुमार ने भव्य स्वागत किया, जाधव ने 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले शहीदों के घरों की यात्रा करते हुए तीन साल बिताये हैं.
देशभक्ति के नारों से रंगी कार में यात्रा कर रहे जाधव ने कहा कि “मैं जमशेदपुर में आकर काफी खुश हूं. मेरा लक्ष्य युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाना है. मैं देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले मिट्टी के पुत्रों को अपनी देशभक्ति और सम्मान दिखा रहा हूं. मैं युवाओं से मिल रहा हूं और उन्हें प्रेरित कर रहा हूं.” जाधव ने 40 जवानों के परिवारों से मुलाकात की और स्मारक के लिए उनके घरों के बाहर से मिट्टी एकत्र की. ज्ञात हो कि फार्मेसी में स्नातकोत्तर और फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर रहे जाधव प्रशिक्षित तालवादक भी हैं और बेंगलुरु में एक संगीत विद्यालय चलाते हैं.
जाधव भारत भर में यात्रा कर रहे हैं और शहीदों के परिवारों से मिल रहे हैं. वे 8 दिसंबर, 2021 को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गये लोगों को परिजनों से भी मिले हैं, इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की भी मौत हो गयी थी. जाधव ने कहा कि अब तक वह 150 भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों के परिवारों से मिल चुके हैं और स्मारक बनाने के लिए उनके घरों से मिट्टी एकत्र कर चुके हैं. इसमें 1947, 1971, ऑपरेशन रक्षक, गलवान और 26/11 के युद्ध नायक शामिल हैं. उन्होंने सेलुलर जेल से मिट्टी और पोर्ट ब्लेयर से फ्लैग पॉइंट भी एकत्र किये हैं.
नयी दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने शहर के युवाओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उन्होंने अपने मिशन को जन्मभूमि कर्मभूमि (भारत की मिट्टी का सम्मान) का नाम दिया है. यह शहीदों को श्रद्धांजलि देने का उनका तरीका है. पिछले तीन वर्षों में उन्होंने 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 1.20 लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है.