UGC ने जारी की नई गाइडलाइन: छात्रों को मिलेगा फ्लेक्सिबल प्रवेश और ड्यूल डिग्री कार्यक्रमों का अवसर

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नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए एक नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस गाइडलाइन का नाम ‘ग्रेजुएट डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री रेगुलेशन, 2024’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी और शिक्षा के नए अवसर प्रदान करना है। इस गाइडलाइन में खासतौर पर बाईएनुअल एडमिशन (दो बार प्रवेश) और ड्यूल डिग्री कार्यक्रमों की सुविधा दी गई है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और बहु-विषयक अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

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यूजीसी अध्यक्ष का बयान
UGC के अध्यक्ष, प्रोफेसर जगदीश कुमार ने इस नई गाइडलाइन को छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में अनुशासन की कठोरता को कम करने, छात्रों को ज्यादा लचीलापन देने और विभिन्न विषयों में अध्ययन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए है। प्रोफेसर कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस गाइडलाइन का उद्देश्य छात्रों को अपनी पसंदीदा दिशा में अध्ययन करने का मौका देना है, जिससे वे अपनी क्षमता के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर सकें।

नई सुविधाओं की घोषणा

  1. बाईएनुअल एडमिशन: अब उच्च शिक्षा संस्थान जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में छात्रों का प्रवेश कर सकते हैं, यदि वे इसके लिए तैयार हैं। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई के समय को अधिक लचीला बनाने का अवसर मिलेगा।
  2. ड्यूल डिग्री कार्यक्रम: छात्रों को एक ही समय में दो यूजी या पीजी कार्यक्रम करने की स्वतंत्रता दी गई है। इससे छात्रों को एक से अधिक क्षेत्रों में कौशल हासिल करने का मौका मिलेगा।
  3. खुली प्रवेश नीति: छात्रों को अपनी पिछली शिक्षा या विषय के बावजूद किसी भी यूजी या पीजी कार्यक्रम में प्रवेश लेने की स्वतंत्रता मिलेगी, बशर्ते वे संबंधित प्रवेश परीक्षा में सफल हों। इससे छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बाधाएं समाप्त होंगी।
  4. क्रेडिट की लचीलापन: यूजी डिग्री के लिए छात्रों को अपने मेन सब्जेक्ट में कम से कम 50% क्रेडिट प्राप्त करना होगा। बाकी क्रेडिट को स्किल डेवलपमेंट, अप्रेंटिसशिप या बहु-विषयक अध्ययन के जरिए पूरा किया जा सकेगा।
  5. संस्थानों की नीति निर्माण: उच्च शिक्षा संस्थान अपनी उपस्थिति नीतियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बना सकेंगे, जो छात्रों को ज्यादा लचीलापन और सुविधा प्रदान करेगा।
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