उद्धव के भतीजे ने सीएम शिंदे से की मुलाकात, पहले पार्टी अब परिवार की ओर से हो रहे निराश

0
Advertisements
Advertisements

मुंबई: ठाकरे परिवार में सबकुछ ठीकठाक नहीं है।बाला साहेब ठाकरे का एकजुट रहने वाला कुनबा बिखरता नजर आ रहा है। पहले ही पार्टी की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी गंवा बैठे हैं। अब परिवार के अन्य सदस्य भी किनारा करने लगे हैं। उद्धव ठाकरे के भतीजे निहार ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करके अपना समर्थन दिया। निहार ठाकरे शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बड़े बेटे दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे हैं।

Advertisements
Advertisements

कौन हैं निहार ठाकरे?

निहार ठाकरे, उद्धव ठाकरे के भतीजे हैं। निहार ठाकरे के पिता बिंदुमाधव ठाकरे की 1996 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। निहार मुंबई के एक वकील हैं। निहार अब तक राजनीति से दूर रहे हैं। निहार रणनीतिक कानूनी सलाहकार हैं, वो कई तरह के केस लड़ते हैं और कानूनी राय भी देते हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इंटरनेशनल कमर्शियल लिटिगेशन का कोर्स किया। उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (जीएलसी) से एलएलबी की डिग्री हासिल की है।

निहार का बीजेपी से भी कनेक्शन

निहार का बीजेपी से भी कनेक्शन है। दरअसल निहार की पत्नी अंकिता बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि निहार ने शिंदे गुट में शामिल होने के साथ ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री शिंदे के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि निहार ठाकरे इस मुलाकात के बाद अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत मुख्यमंत्री के नेतृत्व में करेंगे।

बाल ठाकरे के तीन बेटों में सबसे बिंदु माधव ठाकरे थे, दो अन्य जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे हैं। वह फिल्म निर्माता थे और राजनीति में सक्रिय नहीं थे। उधर, जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे ने भी हाल ही में सीएम शिंदे से मुलाकात की थी।

पार्टी और परिवार में अलग पड़ते जा रहे उद्धव

बता दें कि 2019 में वह कांग्रेस व एनसीपी की मदद से मुख्यमंत्री भी बने थे। हालांकि, कई दशकों का बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद सत्ता में आने के लिए बीजेपी लगातार मौका की तलाश में थी। बीते महीने शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। शिंदे ने पार्टी के लगभग 40 विधायकों के साथ शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। उन्होंने 30 जून को भाजपा के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

वहीं टीम शिंदे और उद्धव ग्रुप एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। दोनों शिवसेना पर एकाधिकार के लिए सड़क और कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में ठाकरे परिवार के सदस्यों का शिंदे से मुलाकात कई मायने में सबकुछ ठीकठाक नहीं होने का संकेत दे रहा है।

Thanks for your Feedback!

You may have missed