घाघीडीह सेंट्रल जेल में हरपाल सिंह थापर की मौत के साढ़े 10 माह बाद यूडी केस दर्ज,  परसुडीह थाने में जेल अधीक्षक नरेंद्र सिंह के बयान पर 3 जून दर्ज कराया गया मामला.

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जमशेदपुर  : शहर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंदी हरपाल सिंह थापर की 16 जुलाई 2021 को संदेहास्पद मौत हो गयी थी. मौत के ठीक साढ़े 10 माह के बाद परसुडीह थाने में जेल अधीक्षक नरेंद्र सिंह के बयान पर एक यूडी केस दर्ज कराया गया है. इसके पहले टेल्को थाने में मामला दर्ज कराया गया था. 16 जुलाई को ही हरपाल सिंह थापर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था. इस बीच जेल प्रशासन की ओर से बिरसा की भी जांच कराये जाने की योजना थी, लेकिन अब रांची भेजने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसको लेकर पहले से ही एमजीएम फॉरेंसिक विभाग की ओर से जिले के डीसी और एसएसपी से पत्राचार भी किया गया था.
क्या था मामला
पूरा का पूरा मामला मदर टेरसा वेलफेयर ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है. ट्रस्ट में रहने वाली दो नाबालिग लड़की अचानक से गायब हो गयी थी. इसके बाद दोनों लड़की वापस आ गयी थी. इस दौरान दोनों ने पुलिस को बताया था कि ट्रस्ट का संचालक हरपाल सिंह थापर उसके साथ गलत करता था और उसे बराबर बाहर भी भेजा जाता था. इसके बाद ही टेल्को थाने में हरपाल सिंह थापर के अलावा उसकी पत्नी पूर्व सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की के अलावा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद से ही आरोपी फरार हो गये थे. पुलिस ने 16 जून को पति-पत्नी को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया था. मदर टेरेसा ट्रस्ट में बागबेड़ा व आदित्यपुर की रहने वाली दो नाबालिग 5 जून को दिन के एक बजे से भरार थी. शिकायत टेल्को पुलिस को होने पर दोनों को बिरसानगर से बरामद किया गया था. पूछताछ में ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर की ओर से अश्लील हरकत करने का खुलासा हुआ था. उनकी पत्नी को बताने पर धमकी देने और ट्रस्ट के इंचार्ज की ओर से मारपीट करने, इंचार्ज के बेटे आदित्य की ओर से छेड़खानी करने का आरोप लगाया गया था. जांच के बाद टेल्को थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस बीच हरपाल सिंह थापर 6 जून से ही फरार हो गया था. हरपाल की पत्नी व अन्य ने सात जून को शहर छोड़ा था. बाद में पुलिस ने सभी को मध्य प्रदेश के सिंगरौली से 16 जून को गिरफ्तार किया था.

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